धर्म-अध्यात्म

गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल विचार का करें अनुसरण

Bhumika Sahu
7 Jan 2022 7:00 AM GMT
गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल विचार का करें अनुसरण
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गुरु गोबिंद सिंह की जयंती को सिख समुदाय के बीच प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है. इस बार प्रकाश पर्व 9 जनवरी 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा. इस मौके पर यहां जानिए गुरु जी द्वारा कही गई वो बातें, जिनका हर किसी को अनुसरण करना चाहिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुरु गोबिंद सिंह की जयंती को हर साल देश भर में सिख समुदाय के बीच धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और आखिरी गुरु थे. उन्होंने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी और जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत दिए थे, जिन्हें पांच ककार के नाम से जाना जाता है. गुरु जी ने अपना पूरा जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था. इसलिए सिख समुदाय के बीच उनकी जयंती को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है.

तमाम लोग इस दिन को गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व भी कहते हैं. इस दिन देशभर में गुरुद्वारों को सजाया जाता है. लोग अरदास, भजन, कीर्तन के साथ लोग गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं. नानक वाणी पढ़ी जाती है और दान पुण्य आदि लोक कल्याण के तमाम कार्य किए जाते हैं. इस बार गुरु गोबिंद सिंह जयंती 9 जनवरी 2022 को रविवार के दिन मनाई जाएगी. इस मौके पर जानिए गुरु गोबिंद सिंह के वो अनमोल वचन जिनका हर किसी को अनुसरण करना चाहिए.
गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल विचार
1. जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी. इसका अर्थ है कि व्यक्ति जीवनभर शांति को तलाशता है, लेकिन शांति उसी के अंदर होती है. बस उसे पाने के लिए अपने झूठे अहंकार को मिटाना पड़ता है.
2. किसी भी परदेसी, दुखी इंसान, विकलांग या जरूरतमंद की सहायता जरूर करें. इससे मानसिक शांति और खुशी मिलेगी. गुरु जी का मानना था कि नेक काम करने से व्यक्ति का अहंकार मिटता है और उसे आंतरिक सुख और शांति प्राप्त होती है. इसलिए जरूरतमंदों की मदद जरूर करें.
3. दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें और बाद में ही युद्ध में पड़ें. सही रणनीति का इस्तेमाल कर युद्ध में जीत हासिल की जा सकती है. गुरु जी कुशल योद्धा थे, उन्होंने कहा है कि दुश्मन से जब युद्ध की नौबत आ जाए तो व्यक्ति को सही रणनीति बनाकर युद्ध करना चाहिए, तभी वो विजयी हो सकता है.
4. अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें. दान को हर धर्म में श्रेष्ठ कर्म माना गया है. आपको कमाने का मौका परमेश्वर देता है. उसका आभार व्य​क्त करने के लिए हर व्यक्ति को अन्य जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. ये दान ईश्वर का हिस्सा है और आपका कर्तव्य.
5. इंसान को पैसा, जवानी, अपने कुल या जाति का घमंड नहीं करना चाहिए. ये सब कुछ तभी तक है, जब तक आप इस संसार में हैं. इसके बाद कुछ भी आपका नहीं होगा.
6. केवल अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं. जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है, परमेश्वर भी उसकी मदद जरूर करता है. इसका अर्थ है कि सिर्फ भगवान की पूजा करने से कुछ नहीं होता, उन्हें पाने के लिए आपको कर्म भी करने पड़ते हैं. इसलिए मानवता को जिंदा रखें और लोगों के हित के लिए कार्य करें. अ


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