धर्म-अध्यात्म

लोहड़ी की लोक कथाएं, जानें-क्यों मनाते हैं लोहड़ी

Subhi
11 Jan 2022 2:15 AM GMT
लोहड़ी की लोक कथाएं, जानें-क्यों मनाते हैं लोहड़ी
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इतिहासकारों की मानें तो मुग़ल काल में दुल्ला भट्टी नाम का एक लुटेरा था। वह पेशे से लुटेरा था, लेकिन दिल से बेहद नेक था। जुल्म और अत्याचार का वह पुरजोर विरोध करता था।

इतिहासकारों की मानें तो मुग़ल काल में दुल्ला भट्टी नाम का एक लुटेरा था। वह पेशे से लुटेरा था, लेकिन दिल से बेहद नेक था। जुल्म और अत्याचार का वह पुरजोर विरोध करता था। जब कभी मुगल सैनिक हिन्दू लड़कियों को अगवा करता था, तो दुल्ला भट्टी उन लड़कियों को आजाद कराकर हिन्दू लड़कों से विवाह करा देता था। इस नेक कार्य के लिए दुल्ला भट्टी को लोग खूब पसंद करते थे। वर्तमान समय में भी लोग लोहड़ी के दिन गीतों के जरिए याद कर उन्हें धन्यवाद देते हैं।

लोहड़ी के गीत

सुंदर मुंदरिये होय,

तेरा कौन बेचारा होय।

दुल्ला भट्टी वाला होय,

दुल्ले धी बिआई होय।

सेर शक्कर पाई होय,

कुड़ी दे बोझे पाई होय,

कुड़ी दा लाल हताका होय।

कुड़ी दा सालु पाटा होय,

सालू कौन समेटे होय।"

गीत

"देह माई लोहड़ी,

जीवे तेरी जोड़ी,

तेरे कोठे ऊपर मोर,

रब्ब पुत्तर देवे होर,

साल नूं फेर आवां।"



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