धर्म-अध्यात्म

Flaws in the horoscope: पितृ दोष व राहु दोष से मुक्ति पाने का सबसे आसान तरीका

Kavita Yadav
14 Jun 2024 5:28 AM GMT
Flaws in the horoscope:  पितृ दोष व राहु दोष से मुक्ति पाने का सबसे आसान तरीका
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राहु दोष: ज्योतिष में हर ग्रह का अपना अलग महत्व है। ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति की कुंडली और जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जब ग्रह उल्टी चाल चलते हैं, तो लोग कई उपाय जैसे दान-पुण्य आदि कार्य करने लग जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, दान-पुण्य करने से बड़े से बड़े कष्ट और दोष दूर हो जाते हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति ठीक करने के लिए भक्तों को अन्न, वस्त्र दान करना और रहने की व्यवस्था करना एक अच्छा उपाय है। इसके साथ ही पशुओं और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करना भी अत्यंत पुण्यमय माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में राहु दोष या पितृ दोष है तो आपके लिए शुभ उपाय किया जा सकता है। राहु दोष से मुक्ति का आसान तरीका

ज्येष्ठ माह में प्रचंड गर्मी होती है। ऐसी गर्मी के इस मौसम में पक्षियों के लिए दाना और पानी जरूर रखें। ऐसा करने से आत्म संतुष्टि तो मिलेगी ही साथ ही कुंडली में राहु और शनि से बनने वाले दोष भी दूर होते हैं। जैसे-जैसे पक्षी दाना चुन जायेंगे, वैसे-वैसे आपकी सारी कष्ट दूर होते चले जायेंगे। ऐसा करने से कुंडली में स्थित दोष भी कम होंगे तो दूसरी ओर धीरे-धीरे पुण्यों में वृद्धि होगी। ज्योतिष की देन तो पति को दाना देने से पितृ प्रसन्न होते हैं, इसलिए पितृ दोष में कोई खाना ख़राब हो जाता है। साथ ही कुंडली में राहु दोष भी कम होता है। पक्षी को दाना-पानीस से जीवन में हर संकट से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति तरक्की पाता है। दाना डालने से मानसिक शक्ति मिलती है जिससे व्यक्ति सही निर्णय लेने में सक्षम होता है। इसके साथ ही नौकरी और व्यवसाय में लाभ के रास्ते खुलते हैं, धन-संपदा में वृद्धि और कर्ज से मुक्ति मिलती है। हर मनोकामना होगी पूरी

पक्षियों को पानी पिलाना बहुत आसान काम है। इसके लिए किसी भी गंदे स्थान पर मिट्टी का प्याला या घड़ा पानी से भर कर रखें और साथ में कुछ दाने डालें। अगर दाने के लिए कुछ भी नहीं है तो चावल के कुछ कच्चे दाने डाल सकते हैं। अगर आपके घर में पक्षी नहीं आते हैं, तो दाना-पानी डालना शुरू कर दें, कुछ दिन में ही पक्षी वहां आ जाएंगे। पक्षियों के दाना चुनने और पानी पीने से आपकी हर मनोकामना भी पूरी होती है। कोर्ट कचहरी के मामलों से मुक्ति मिलने के साथ ही संतान के जीवन में आने वाली पीड़ा दूर हो जाती है।

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