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सनातन धर्म में शिव पूजा के लिए वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में आता हैं अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा हैं और इस महीने पड़ने वाला प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष के नाम से जाना जा रहा हैं क्योंकि यह व्रत 1 जून दिन गुरुवार यानी की आज मनाया जा रहा हैं।
जून माह के प्रथम दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसे जून का पहला प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा हैं इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत पर शिव की पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता हैं ऐसा करने से भोलेबाबा की कृपा बरसती है साथ ही जीवन के दुख दूर हो जाते हैं तो आज हम आपको प्रदोष व्रत पर शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
शुभ मुहूूर्त—
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 1 जून को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से हो रहा है और समापन 2 जून को 12 बजकर 48 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में प्रदोष व्रत का पूजन 1 जून को करना उत्तम रहेगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ समय 7 बजकर 14 मिनट से रात्रि 9 बजकर 16 मिनट तक का वक्त विशेष हैं।
प्रदोष व्रत के आसान उपाय—
अगर किसी के विवाह में देरी हो रही है या फिर कोई बाधा आ रही हैं तो ऐसे में आज प्रदोष व्रत की शाम को जल या दूध में गुड़ और काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं। अगर आप आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो ऐसे में आप प्रदोष व्रत के दिन तिल का दान गरीबों और जरूरतमंदों को करें ऐसा करने से धन लाभ के योग बनने लगते हैं और सुख समृद्धि भी घर में बनी रहती हैं।
Tara Tandi
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