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माघ मेले का पहला स्नान शुक्रवार को मकर संक्रांति के साथ शुरू हो जाएगा। मेले में इसी दौरान शुरू होगा एक महीने के तप का संकल्प। मेले के पहले स्नान पर्व से पूर्व हजारों की संख्या में कल्पवासी संगम की रेती पर पहुंच गए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ मेले का पहला स्नान शुक्रवार को मकर संक्रांति के साथ शुरू हो जाएगा। मेले में इसी दौरान शुरू होगा एक महीने के तप का संकल्प। मेले के पहले स्नान पर्व से पूर्व हजारों की संख्या में कल्पवासी संगम की रेती पर पहुंच गए। हालांकि आखिरी समय तक मेला प्रशासन तंबू कनात और टीन घेरा लगाता रहा, लेकिन आने वाले कल्पवासियों ने शिविरों की जमीन पर सामान बिछा दिए। अनुमान है कि पहले स्नान पर्व पर पांच लाख श्रद्धालु संगम की रेती में डुबकी लगाएंगे।
47 दिनों के माघ मेले की तैयारियां आखिरी दिन भी पूरी न हो सकीं। एक ओर मेला प्रशासन का काम पिछड़ गया तो दूसरी ओर पिछले दिनों हुई बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं। गुरुवार को गंगापार त्रिवेणी रोड, काली सड़क, मोरी मार्ग पर तमाम स्थानों पर मेला प्राधिकरण के ट्रैक्टर दौड़ते दिखे, जिससे बालू गिराकर दलदल को समतल किया जा रहा था। मकर संक्रांति से दंडी संन्यासियों के यहां और खाकचौक में कल्पवास शुरू हो जाता है। ऐसे में मेला क्षेत्र के सेक्टर तीन व सेक्टर चार और पांच के बीच बड़ी संख्या में कल्पवासी पहुंच गए हैं।
तप, साधना और मोक्ष की कामना के निमित्त मकर संक्रांति पर 14, 15 जनवरी को लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। ग्रहीय दृष्टि से मकर संक्रांति पर पंच महापुरुष का योग पर्व के पुण्यफल में वृद्धि करेगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल शनिवार 15 जनवरी को दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा। इस दिन पंच महापुरुष योग संक्रांति के पुण्य फल में वृद्धि करेंगे। इसी दिन खिचड़ी का पारंपरिक पर्व मनाया जाएगा। हालांकि स्वाभाविक संचरण के क्रम में सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी, शुक्रवार को रात 8:34 बजे प्रवेश करेंगे। सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। खरमास समाप्त हो जाएगा। मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
माघ मेले को लेकर हमारी तैयारी पूरी है। अनुमान है कि पहले स्नान पर्व पर चार से पांच लाख श्रद्धालु यहां आएंगे। सभी जगह टेंट लग चुके हैं। सुविधा सभी जगह पूरी है। हमारा प्रयास है कि मेले के दौरान महामारी का प्रसार न हो। इसके लिए भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।
Bhumika Sahu
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