धर्म-अध्यात्म

Festival: जाने 2024 में कब मनाया जायेगा हरेला पर्व

Sanjna Verma
14 July 2024 10:04 AM GMT
Festival: जाने 2024 में कब मनाया जायेगा हरेला पर्व
x
Harela festival 2024: उत्तराखंड में कई लोक पर्व मनाये जाते हैं जिनमें से एक है हरेला। Harela की खास बात ये है कि इसे सावन के महीने में मनाया जाता है। इस पर्व में प्रकृति पूजन किया जाता है और पौधे भी रोपे जाते हैं। इस तरह यह पर्व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है। इस साल राज्य में हरेला पर्व 16 जुलाई को मनाया जाएगा।हरेला पर्व खास तौर से राज्य के कुमाऊं मंडल में मनाया जाता है। इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है लेकिन हरेला पर्व से उत्‍तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सावन का महीना शुरू होता है। इस वर्ष हरेला पर्व 16 जुलाई को है। आइए जानते हैं क्यों खास है हरेला पर्व।
यहां हरेला से शुरू होता सावन
पहाड़ी राज्य में हरेला से सावन की शुरुआत मानी जाती है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक पर्व हरेला को यहां के कुमाऊं मंडल में मनाया जाता है। कुमाऊं में हरेला से ही श्रावण या सावन माह तथा वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है। इस दिन प्रकृति पूजन का विधान है। हरेला का अर्थ ही हरा-भरा होने से है। इसलिये हरेला पर्व में यहां पौधारोपण भी किया जाता है।
5, 7 या 9 अनाजों को मिलाकर बोया जाता है हरेला
हरेला पर्व में स्थानीय लोग विशेष पूजा करते हैं। इस दौरान 5, 7 या 9 अनाजों को मिलाकर हरेला से 9 दिन पहले मिट्टी या फिर बांस के 2 बर्तनों में बोया जाता है। इन बर्तनों को घर के मंदिर में रख दिया जाता है। इस दौरान लगातार हरेले को पानी से सींचा जाता है। दो से तीन दिन में हरेला में अंकुर आज जाते हैं। 9 दिन बाद 10 वें दिन जब हरेला पर्व का दिन आता है तो उस दिन परिवार का सबसे बड़ा सदस्य हरेले को काटता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा की जाती है और लोग अपने ईष्ट देव को सबसे पहले हरेला चढ़ाते जाता है। पूजन में घर-परिवार की खुशहाली, जानवरों की रक्षा, सम्पन्नता आदि के लिये कामना की जाती है। Harela पूजन के बाद परिवार बड़े घर के दूसरे परिजनों को हरेला पूजते हुए आशीर्वाद देते हैं।
Next Story