धर्म-अध्यात्म

भारतीय संस्कृति में पशुओं को खाना खिलाने से होती है यह दोष खत्म

Tara Tandi
4 March 2021 7:10 AM GMT
भारतीय संस्कृति में पशुओं को खाना खिलाने से होती है यह दोष खत्म
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हिंदू समाज में मानव सेवा के अतिरिक्त अन्य पशु पक्षियां की सेवा करना भी बहुत पुण्य माना गया है।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | हिंदू समाज में मानव सेवा के अतिरिक्त अन्य पशु पक्षियां की सेवा करना भी बहुत पुण्य माना गया है। इसी क्रम हम आपको कुछ ऐसे जानवरों के नाम बताएंगे जिनको ग्रहों की शांति के लिए भोजन कराने से बहुत लाभ होता है।

गाय: हिंदू धर्म में गाय को सबसे पवित्र माना गया है। भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि गाय के शरीर में 33 कोटि देवताओं का वास है। गाय को प्रातःकाल रोटी खिलाना बहुत ही शुभ होता है, लेकिन रोटी खिलाने के कुछ नियम हैं। गाय को हमेशा ताजी रोटी खिलाएं। कुछ लोग रात की रखी हुई बासी रोटी गाय खिलाते हैं जो लाभ के स्थान पर हानि करती है। ऐसे में गाय को हमेशा ताजी रोटी ही खिलाएं। गाय को रोटी खिलाने से घर में अनिष्ट नहीं होता है। देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं। सोमवार को रोटी पर मक्खन, बूरा या शक्कर आदि रखकर गाय को खिलाने से चंद्रमा का दोष खत्म होता है। रोटी में गुड एवं हल्दी का टीका लगाकर गाय को खिलाने से मंगल और बृहस्पति संबंधी दोष खत्म होते हैं।

कुत्ता: कुत्ता हमारे समाज का अभिन्न अंग है। इसकी स्वामी भक्ति से सब परिचित हैं। यदि आपने कुत्ता पाला है तो वह आपके अशुभ ग्रहों को समाप्त कर देता है। कई बार देखने में आता है कि कभी कभी कुत्ता अचानक बीमार पड़ जाता है अथवा मर जाता है। इसके उपरांत घर में बीमार चल रहा कोई व्यक्ति धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। अर्थात गृहस्वामी के बुरे ग्रह को अपने ऊपर लेकर वह कष्ट पाता है। कुत्ते को पालने का नियम यह है कि घर में उसके लिए अलग से कोई स्थान बनाया जाए क्योंकि ऐसा भी माना गया है कि घर में हर जगह कमरे में, रसोई में, बैठक में कुत्ते के भ्रमण करने से घर के पितृ एवं देवता उस घर का भोग ग्रहण नहीं कर पाते हैं। यदि राहु और केतु आपके अशुभ चल रहे हैं तो कुत्ते को दूध ,रोटी- ब्रेड अथवा बिस्कुट हर रोज खिलाएं। राहु एवं केतु संबंधी परेशानियां और कष्ट दूर होंगे। मानसिक तनाव दूर होगा और संघर्ष की सीमाएं कुछ कम हो जाएंगी। अमावस्या को कुत्ते को घी से चिपडी हुई रोटी खिलाने से जीवन के संकटों से मुक्ति पाई जा सकती है।

बंदर: यदि आपको मंगल के अशुभ प्रभाव के कारण गुस्सा अधिक आ रहा है। भाई से विचार नहीं मिलते,चोट आदि की संभावना रहती है तो मंगलवार को गुड़ और चना अथवा केला बंदरों को खिला कर उपरोक्त समस्याओं से मुक्ति पा सकेंगे।

कौवा: हिंदू धर्म में कौवों को पितरों का कारक बताया गया है। पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को स्मरण करते हुए कौवों को भोजन कराया जाता है। यदि आपके साथ कुछ अजीब सा हो रहा है, मन अशांत है, अज्ञात भय की आशंका है ऐसे में आप कोवौं को मीठे पीले चावल खिलाएं। कोवौ को सतनजा खिलाने से भी शनि,राहु एवं केतु के दोष कम होते हैं।

हाथी: हाथी को गणेश का कारक माना गया है। वर्तमान समय में हाथी अक्सर गांव अथवा शहरों में कम ही दिखाई देते हैं। जब कभी भी हाथी पालक हाथी लेकर आपके गांव में अथवा मोहल्ले में आ रहा है तो उस अवसर को आप हाथ से ना जाने दें। व्यापार वृद्धि , विद्या बुद्धि लब्धि के लिए और जीवन में उचित मान-सम्मान प्राप्त करने के लिए हाथी को केला, गन्ना आदि अपने हाथ से अवश्य कराएं।

चिड़िया: गोरैया आदि पक्षी किसानों के मित्र होते हैं। ये पक्षी हानिकारक कीटों को खाकर फसल एवं पर्यावरण की रक्षा करते हैं। गांव में सर्दियों में चिड़िया को चावल, धान, गेहूं, बाजरा आदि खिलाने की परंपरा थी। लोग अपने परिवार में प्रसन्नता से रहते थे। यदि आप चाहते हैं कि आपके घर परिवार में आपस में प्रेम एवं स्नेह की प्रवृत्ति बनी रहे। संतान आज्ञाकारी हो तो पक्षियों को दाना खिलाने से आप उपरोक्त उपलब्धियों को प्राप्त कर सकते हैं।

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