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धर्म-अध्यात्म
सप्ताह के सातो दिनों में रखे जाने वाला व्रत, जानें इनका महत्व
Apurva Srivastav
19 Dec 2021 6:30 PM GMT
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सनातन परपंरा में सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए विभिन्न देवी-देवताओं के लिए व्रत रखा जाता है
सनातन परपंरा में सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए विभिन्न देवी-देवताओं के लिए व्रत रखा जाता है. सप्ताह के सात दिनों में रखे जाने वाले व्रत से न सिर्फ ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है, बल्कि आपकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. जानें सप्ताह में किस दिन किस कामना के लिए रखा जाता है व्रत.
सप्ताह के सात दिनों के व्रत का फल
सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी या देवता की पूजा के लिए समर्पित है. इन्हीं सात दिनों से जुड़े देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए हमारे यहां व्रत का विधान है. प्रत्येक दिन रखे जाने वाले अलग-अलग व्रत का संबंध अलग कामनाओं से होता है. हालांंकि ये व्रत न सिर्फ हमारी मनोकमानाओं को पूरा करने का माध्यम होते हैं बल्कि इन्हें रखने पर हमारा पाचन तंत्र भी ठीक बना रहता है. आस्था और विश्वास के साथ रखे जाने वाले सप्ताह के सात दिनों का व्रत करने से न सिर्फ हमारा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि इससे हमारे मन तथा आत्मा की शुद्धि भी होती है. यही कारण है कि सदियों से हमारे यहां ऋषि-मुनि तमाम देवी-देवताओं की साधना-आराधना के साथ व्रत रखते चले आ रहे हैं. आइए सप्ताह के सात दिनों के व्रत के महत्व के बारे में जानते हैं.
सोमवार का व्रत सोमवार का व्रत भगवान शिव और चंद्र देव के लिए रखा जाता है. सोमवार के व्रत से सौभाग्य, संतान और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है.
मंगलवार का व्रत
मंगलवार का व्रत हनुमान जी और मंगल देवता की कृपा पाने के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि मंगलवार का व्रत करने से व्यक्ति को बल, तेज, साहस, शौर्य और शत्रुओं पर विजय पाने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
बुधवार का व्रत –
बुधवार के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु और ग्रहों के राजकुमार माने जाने वाले बुध देवता के लिए किया जाता है. इस व्रत को करने से विद्या, बुद्धि, अरोग्य एवं सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
बृहस्पतिवार का व्रत
गुरुवार का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु के लिए और देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है. गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, धन-दौलत, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
शुक्रवार का व्रत
शुक्रवार का व्रत मुख्य रूप से शक्ति की साधना-आराधना के लिए किया जाता है. मां दुर्गा, मां संतोषी के साथ इस दिन शुक्र की शुभता और आशीर्वाद पाने के लिए व्रत किया जाता है. मान्यता है कि शुक्रवार के व्रत को विधि-विधान से करने पर व्यक्ति को सुख-शांति, गृह शांति, मनोकामना सिद्धि और पुत्र की दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
शनिवार का व्रत
शनिवार का व्रत मुख्य रूप से शनिदेव की कृपा पाने के लिए किया जाता है. इस दिन विधि-विधान से व्रत करने पर शनि संबंधी दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को उसके द्वारा किये जाने वाले कर्मों का पूरा फल मिलने लगता है.
रविवार का व्रत
रविवार का व्रत प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य, भगवान भैरवप की कृपा पाने के लिए किया जाता है. इस दिन व्रत करने पर साधक को सूर्य के समान तेज, मान-सम्मान, बल और कार्यों में सफलता का आशीर्वाद मिलता है.
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