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अधिक मास की पद्मिनी एकादशी का व्रत और पूजन करने से मिलता है अच्छा फल
प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। पुरूषोत्तम मास की पहली एकादशी होने के कारण इसे पुरूषोत्तमी भी कहा जाता है। 3 साल में आने वाली ये तारीख बेहद खास होती है. जो इस बार 29 जुलाई, शनिवार को होगी। शहर के ज्योतिषाचार्य अजय कुमार जोशी और धर्म ग्रंथों के जानकार बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से ही सभी तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस व्रत को करने से पूरे वर्ष की एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पुरूषोत्तम एकादशी व्रत अधिक मास में आता है। यह व्रत तब और भी खास हो जाता है जब यह भगवान विष्णु के महीने में आता है। शास्त्रों में इस व्रत को सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बताया गया है।
ब्रह्माण्ड पुराण में कहा गया है कि मलमास की एकादशियों में नियम और संयम के साथ व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। अन्य पुराणों में कहा गया है कि इस व्रत से बढ़कर कोई त्याग, तपस्या या दान नहीं है। जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करता है उसे सभी तीर्थों और यज्ञों का फल मिलता है। जो व्यक्ति इस एकादशी का व्रत भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की पूजा करता है। उसके जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं। ऐसा व्यक्ति सभी प्रकार के सुखों को भोगकर भगवान विष्णु के धाम को प्राप्त करता है। इस बार यह व्रत क्यों खास है? शास्त्रों में कहा गया है कि आने वाले चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से जो पुण्य मिलता है, वह अक्षय होता है। वहीं, सावन में विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने की विधि भी शिव और विष्णु पुराण में बताई गई है। इससे जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं।