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जीवन में असफलता बहुत कुछ सिखाती है प्रयास करना न छोड़े
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | एक शहर में एक परिश्रमी, ईमानदार और सदाचारी लड़का रहता था. अपने सत्कर्मों की वजह से वो परिवार में सभी का लाडला था, साथ ही समाज में भी उसका बड़ा मान-सम्मान था. लेकिन उसके सपने बहुत बड़े थे. उन सपनों के लिए वो दिन रात मेहनत भी करता था, लेकिन असफ़लता ही उसके हाथ लगती. उसका पूरा जीवन ऐसे ही निकल गया और एक समय ऐसा आया जब उसकी जीवनलीला समाप्त हो गई.
सत्कर्मों की वजह से मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग की प्राप्ति हुई. स्वर्गलोक का अलौकिक सौंदर्य देख वह मंत्रमुग्ध हो गया. उसने देवदूत से पूछा ये कौन सी जगह है, तब देवदूत ने कहा कि ये स्वर्ग है. अब से तुम यहीं रहोगे.
इसके बाद देवदूत ने उसे वो घर दिखाया जहां उसके रहने की व्यवस्था की गई थी वो घर इतना आलीशान था, जिसकी वो कभी सपने में भी कल्पना नहीं कर सकता था.
देवदूत उसे घर के भीतर लेकर गया और एक-एक कर सारे कक्ष दिखाने लगा. सभी कक्ष बहुत सुंदर थे. अंत में वो उसे एक ऐसे कक्ष के पास लेकर गया, जिसके सामने स्वप्न कक्ष लिखा हुआ था.
लड़के ने देखा कि इस कक्ष में वो सारी चीजें थीं जिन्हें पाने के लिए वो धरती पर लगातार मेहनत करता रहा, लेकिन कभी सफल नहीं हो पाया. सभी चीजों के छोटे-छोटे प्रतिरूप वहां रखे थे. आलीशान घर, कार, उच्चाधिकारी का पद और ऐसी ही बहुत सी चीज़ें जो उसके सपनों में ही थीं.
तब उसने देवदूत से पूछा कि जिन चीजों के लिए मैं जीवनभर प्रयत्न करता रहा, लेकिन सफल नहीं हो पाया, वे यहां इस तरह क्यों रखी गई हैं. तब देवदूत ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन बहुत से सपने देखता है और उनके पूरा हो जाने की कामना करता है. लेकिन गंभीर वो कुछ ही सपनों को लेकर होता है.
ईश्वर और ब्रह्माण्ड मनुष्य के हर सपने पूरा करने की तैयारी करते हैं. लेकिन कई बार असफ़लता प्राप्ति से हताश होकर व्यक्ति प्रयास करना बंद कर देता है. उसके दृढ़ निश्चय में कमी आ जाती है. इस कारण जो सपने पूरे होने वाले होते हैं, वे भी पूरे नहीं हो पाते. ऐसे अधूरे सपनों को यहां प्रतिरूप के रूप में रखा जाता है. अगर तुम लगातार प्रयास करते रहते और परिस्थितियों के आगे हार न मानते तो शायद ये सब कुछ पा चुके होते.
इस कहानी से हमें ये सीख लेनी चाहिए कि हमें अपने सपनों को कभी मरने नहीं देना चाहिए. जिसकी कामना है, उसके लिए जी जान लगाकर मेहनत करो. असफलता से सीखो, लेकिन हताश मत हो और प्रयास जारी रखो. हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति देखकर ईश्वर और ब्रह्माण्ड भी हमारे सपने को पूरा करने के लिए तैयार हो जाते हैं. इसलिए तब तक प्रयास करो जब तक ख्वाब हकीकत न बन जाए.