धर्म-अध्यात्म

साईं के इन वचनों में छुपा है समस्या का हर सामधान

Tara Tandi
15 July 2021 8:25 AM GMT
साईं के इन वचनों में छुपा है समस्या का हर सामधान
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भारत में कई ऐसे संत और महापुरष हुए

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कई ऐसे संत और महापुरष हुए जिनके साथ लाखों–करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. इन्हीं में से एक हैं शिरडी के साईं बाबा, जिनका पूरा जीवन चमत्कारों से भरा रहा. अपने जीवन में साईं ने कई चमत्कार किए जो आज भी पहेली बने हुए हैं. बड़ी बात ये कि आज भी उनकी साधना करने वाला उनके नित नये चमत्कार का दावा करता दिखाई पड़ता है. नित नये होने वाले चमत्कारों का ही नतीजा है कि गुरुवार के दिन निकलने वाली साईं की पालकी निकलती है, उसके दर्शन और आर्शीवाद पाने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. आइए जानते हैं श्रद्धा और सबुरी का पाठ कराने वाले साईं बाबा के ग्यारह वचन, जिन्हें पढ़ने और उनका श्रद्धापूर्वक पालन करने से शुभता की प्राप्ति होती है और सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं —

1. जो शिरडी में आएगा. आपदा दूर भगाएगा.

साईं बाबा कहते हैं कि जो कोई भी शिर्डी में आएगा उसकी सारी परेशानियां समाप्त हो जाएँगी.

2. चढ़े समाधि की सीढ़ी पर. पैर तले दुःख की पीढ़ी कर.

साईं के अनुसार उनकी समाधि की सीढ़ी पर पैर रखते ही साईंभक्तों के दुःख दूर हो जायेंगे.

3. त्याग शरीर चला जाऊँगा. भक्त–हेतु दौड़ा आऊँगा.

साईं के अनुसार भले ही उन्होंने शरीर त्याग दिया हो लेकिन अपने भक्त की श्रद्धा भरी पुकार सुनकर मदद के लिए दौड़े आएंगे.

4. मन में रखना दृढ़ विश्वास. करे समाधि पूरी आस.

साईं के अनुसार हर मुश्किल में उनके हर भक्त को दृढ़तापूर्वक विश्वास करना चाहिए, क्योंकि उनकी हर समस्या का समाधान उनकी समाधि पर जरूर मिलेगा.

5. मुझे सदा जीवित ही जानो. अनुभव करो सत्य पहचानो.

साईं कहते हैं कि मेरा अस्तित्व सिर्फ शरीर तक ही सीमित नहीं है बल्कि मैं हमेशा परमात्मा के अंश की तरह सदैव जीवित रहूँगा.

6. मेरी शरण आ खाली जाये. हो तो कोई मुझे बताये.

साईं बाबा इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि मेरी शरण में आना वाला कोई खाली नहीं जाता है. यदि हो तो मुझसे बताए.

7. जैसा भाव रहा जिस जन का. वैसा रुप हुआ मेरे मन का.

साईं बाबा कहते हैं कि जो मुझे जिस भाव से देखेगा मैं उसे वैसा ही नज़र आऊंगा.

8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा. वचन न मेरा झूठा होगा.

साईं के अनुसार जो भी पूरी श्रद्धा भाव से उनके प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं, उनका वे पूरा ख्याल रखते हैं.

9. आ सहायता लो भरपूर. जो मांगा वह नहीं है दूर.

साईं के अनुसार श्रद्धा और प्रेम के साथ जो भी उनसे कुछ मांगेगा, साईं बाबा उसे जरूर पूरा करेंगे.

10. मुझ में लीन वचन मन काया. उसका ऋण न कभी चुकाया.

साईं कहते हैं कि जो कोई भक्त तन, मन और वचन से मुझमें लीन होता है, उसके वे हमेशा ऋणी रहते हैं.

11. धन्य–धन्य वह भक्त अनन्य. मेरी शरणतज जिसे न अन्य.

साईं के अनुसार वो भक्त धन्य हैं जो पूरी श्रद्धा के साथ साईंभक्ति में लीन हैं, वो सदैव ही उनको प्रिय हैं.

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