धर्म-अध्यात्म

हर दिशा का वास्तु शास्त्र में होता है अलग-अलग महत्व... जानें इसके बारे में

Ritisha Jaiswal
19 Dec 2021 1:54 PM GMT
हर दिशा का वास्तु शास्त्र में होता है अलग-अलग  महत्व... जानें इसके बारे में
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वास्तु शास्त्र का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हर दिशा का वास्तु शास्त्र में अलग महत्व बताया गया है।

वास्तु शास्त्र का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हर दिशा का वास्तु शास्त्र में अलग महत्व बताया गया है। जानकारों की मानें तो अलग-अलग दिशाओं में रखी कई वस्तुएं व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। हालांकि जानकारी न होने के कारण आमतौर पर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं।

वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि उत्तर दिशा को हमेशा दोष मुक्त होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में वास्तु दोष होने पर व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि इस दिशा में कोई भी भारी वस्तु नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से धन-धान्य में कमी होती है।
उत्तर दिशा में घर का प्रवेश द्वार-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का प्रवेश द्वार हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। कहते हैं कि इस दिशा में आईना या दर्पण लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिशा में मनी प्लांट रखने से भी घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। नौकरी में तरक्की पाने के लिए उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर जी की प्रतिमा लगानी चाहिए।
उत्तर दिशा में रसोई घर- वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में रसोई घर होना बेहद शुभ होता है। कहते हैं कि रसोई घर उत्तर दिशा में होने से मां अन्नपूर्णा की कृपा हमेशा बनी रहती है। घर की उत्तर दिशा में हमेशा नीले रंग का पेंट करवाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से धन लाभ क योग बनते हैं।उत्तर दिशा की दीवारों पर न आने दें दरार- वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा की दीवारों पर दरार नहीं आने देनी चाहिए। कहते हैं कि दीवारों पर दरार आने से तरक्की के रास्ते बंद हो जाते हैं।


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