धर्म-अध्यात्म

इन मंदिरो में होती है किन्नरों की शादी

HARRY
14 Jun 2023 5:22 PM GMT
इन मंदिरो में होती है किन्नरों की शादी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | किन्नर अथवा हिजड़े न तो पूर्ण रूप से पुरुष होते हैं और न महिला इसलिए इनका अलग ही संप्रदाय होता है। माना जाता है यह अविवाहित रहते हैं। ऐसा नहीं है, हिजड़े भी शादी करते हैं और दुल्हन बनते हैं लेकिन केवल एक रात के लिए। किन्नरों के दुल्हा बनते हैं इनके अपने भगवान इरावन। हिजड़ों के भगवान हैं अर्जुन और उनकी पत्नी नाग कन्या उलूपी से उत्पन्न संतान इरावन लेकिन इनका अरावन नाम विख्यात है। महाभारत युद्ध के समय पांडवों ने मां काली का पूजन किया। फिर एक राजकुमार की बलि देनी थी। इरावन बलि के लिए आगे आए लेकिन उन्होंने शर्त रखी की वह विवाह उपरांत ही बलि पर चढ़ेंगे। अरवण से कोई भी कन्या विवाह करने को राजी न हुई क्योंकि उसकी मृत्यु अटल थी।
श्री कृष्ण ने अरवण की अंतिम इच्छा पूर्ण करने के लिए पुन: मोहिनी रूप लिया और उसके साथ विवाह सूत्र में बंध गए। विवाह से अगले दिन मोहिनी रूपी श्री कृष्ण विधवा हो गए।
उन्होंने विलाप किया और विधवा रूप में सभी रीति-रिवाजों का पालन भी किया।
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