धर्म-अध्यात्म

भगवान शिव के इस अवतार की आरती से शत्रुओं का होता है विनाश

Subhi
19 March 2022 11:48 AM GMT
भगवान शिव के इस अवतार की आरती से शत्रुओं का होता है विनाश
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भगवान शिव के कई अवतार हैं. इन्हीं में से विशिष्ट स्थान भैरव जी का है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के कई अवतार हैं. इन्हीं में से विशिष्ट स्थान भैरव जी का है. मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर सदैव के लिए विजय प्राप्ति की इच्छा हो तो उन्हें सच्चे मन से भगवान श्री काल भैरव की पूजा (Kaal Bhairav Puja) करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, काल भैरव की आरती (Kaal Bhairav Aarti Lyrics) उच्चारण से ऊपरी बाधाओं समेत हर नकारात्मकता नष्ट हो जाती है. काल भैरव जी का अवतरण मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कृष्ण अष्टमी पर काल भैरव का रूप धारण किया था. उन्हें काशी के निर्देशों और संरक्षण का रक्षक माना जाता है.

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे ।
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी ।
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत ।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥
॥ जय भैरव देवा...॥

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥
॥ जय भैरव देवा...॥


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