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धर्म अध्यात्म: भगवान राम ने जब लंका पर आक्रमण करने के बाद रावण का वध कर युद्ध में जीत हासिल की थी. उस उपलक्ष्य में हर साल दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व को असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म के विजय के रूप में भी देखा जाता है. दशहरा का त्योहार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार को लोग विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए शारदीय नवरात्रि के दशमी तिथि को ये उत्सव मनाते हैं. कई जगह पर इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है.
हिंदू पंचाग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
शुभ योग
इस साल दशहरा के अवसर पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन रवि योग सुबह 6 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शाम 6 बजकर 38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 6
दशहरा के दिन विभिन्न जगहों पर शस्त्र पूजा करने का विधान है. दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है. ऐसे में दशहरे के दिन यानी कि 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.
रावण दहन
हर साल दशहरा यानी कि विजयादशमी के अवसर पर लंकापति रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है. पुतलों का दहन सही समय में किया जाए तो शुभ माना जाता है. ऐसे में विजयादशमी के दिन यानी कि 24 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक होगा.
Manish Sahu
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