धर्म-अध्यात्म

रमज़ान के महीने में शुगर के मरीज रोज़े रखते समय इन 8 बातों का जरूर रखें ध्यान

Tara Tandi
14 April 2021 11:10 AM GMT
रमज़ान के महीने में शुगर के मरीज रोज़े रखते समय  इन 8 बातों का जरूर रखें ध्यान
x
रमजान का महीना शुरू हो चुका है, इस महीने में मुसलमान पूरे दिन का यानि 14-15 घंटे का फास्ट रखते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| रमजान का महीना शुरू हो चुका है, इस महीने में मुसलमान पूरे दिन का यानि 14-15 घंटे का फास्ट रखते हैं। वैसे तो फास्ट रखना सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है, लेकिन शुगर के मरीज़ों के लिए पूरे दिन का रोज़ा उनकी बीमारी को बढ़ा सकता है। कोरोनाकाल में शुगर के मरीजों को रोजे के दौरान खास ख्याल रखने की जरूरत है। रोजे में इन मरीजों में ग्लूकोज के स्तर में अचानक से गिरावट हो सकती है जिससे हाइपोगिलेसेमिया हो सकता है। जिसकी वजह से मरीज़ को चक्कर और बेहोशी भी हो सकती है।

कई बार रोजे में मरीज के ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ भी सकती है
शुगर बढ़ने से रोजेदार की आंखों के सामने धुंधलापन, बेहोशी, कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। रमज़ान में शुगर के मरीज इन सब परेशानियों से बचने के लिए अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। शुगर पेशेंट को चाहिए कि इफ्तार और सेहरी में ऐसी डाइट का सेवन करें जिनसे बॉडी हाइड्रेट रहने के साथ ही शुगर भी कंट्रोल में रहे। आइए जानते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए रमज़ान में किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर का ध्यान रखना भी जरूरी:
शुगर के मरीज हैं तो अपना ब्लड प्रेशर समय-समय पर चैक करने की आदत डालें। 14-15 घंटे के रोजे का आसर आपके ब्लड लेवल पर पड़ता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड प्रेशर के बारे में सतर्क रहना चाहिए। रोज़े में ब्लड प्रेशर चेक करने से रोजा टूटता नहीं है। ब्लड प्रेशर की दवाई का सेवन करते हैं तो सेहरी में गोली जरूर खाएं।
ब्लड शुगर का टेस्ट भी जरूरी:
रमजान में रोजे रखते हैं और इफ्तार में शर्बत और मीठी खजूर का सेवन करते हैं तो शुगर लेवल घटता बढ़ता रहता हैं, इसलिए जरूरी है कि आप अपनी शुगर रोजाना चेक करें। सेहरी में या इफ्तार के बाद शुगर चेक करने के बाद ही कुछ खाने का चयन करें। शुगर लेवल घटने-बढ़ने की स्थिति के अनुसार अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ को शामिल करें जो ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करें।
पार्क में बच्चे के साथ योगा करती महिला
कोरोनाकाल में शुगर के मरीज़ों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। इफ्तार और रोज़े में शुगर के मरीज उन चीजों का सेवन करें जिनसे इम्यूनिटी इंप्रूव हो। शुगर फ्री च्वनप्राश का सेवन करें साथ ही असरदार जड़ी बूटी गिलोय का भी इस्तेमाल करें।
रोजे के बाद पानी ज्यादा पीकर बॉडी को रखें हाइड्रेट:
डायबिटीज के जो मरीज रमजान के महीने में रोजा रख रहे हैं तो उन्हें अपने शरीर में पानी के लेवल को मेंटेन रखने के लिए खास ध्यान रखने की जरूरत है। रोजे में पानी की कमी से बचने के लिए इफ्तार के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीए।
डिहाइड्रेशन से बचे:
रोजे के साथ ही गर्मी का मौसम भी है, ऐसे मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कहीं भी बाहर न निकलें। सेहरी और इफ्तारी के समय ज्यादा पानी पीए। खाने में सलाद, खीरा, ककड़ी का ज्यादा इस्तेमाल करें।
सेहरी जरूर खाएं:
कुछ लोग बिना सेहरी खाएं ही रोजा रख लेते हैं, खासकर शुगर के मरीज ये गल्ती नहीं करें। बिना खाए रोजा रखेंगे तो आपका शुगर लेवल बढ़ जाएगा। डायबिटीज के मरीज बिना सेहरी के रोजा रखेंगे तो शरीर में विभिन्न प्रकार की पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी।
एंटी डायबेटिक फूड का करें सेवन:
डायबिटीज पेशेंट एंटी डायबेटिक डाइट का ही सेवन करें। एंटी डायबेटिक फूड्स में नट्स, दही, हल्दी, चिया बीज, दालचीनी और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।
रोज़े में तनाव से दूर रहें:
रोजा रखने के दौरान डायबिटीज के मरीजों को किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए और न ही किसी बात का स्ट्रेस लेना चाहिए। स्ट्रेस बढ़ जाने के कारण उनके ब्लड प्रेशर पर भी असर पड़ता है। ब्लड प्रेशर बढ़ना डायबिटीज के मरीजों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।


Next Story