धर्म-अध्यात्म

सावन की दुर्गाष्टमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त और उपाय

Subhi
5 Aug 2022 4:13 AM GMT
सावन की दुर्गाष्टमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त और उपाय
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हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को सावन दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। शुक्रवार के दिन होने के कारण दुर्गाष्टमी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में मां दुर्गा के साथ-साथ भोलेनाथ और मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी।

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को सावन दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। शुक्रवार के दिन होने के कारण दुर्गाष्टमी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में मां दुर्गा के साथ-साथ भोलेनाथ और मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी। मान्यता है कि सावन में पड़ने वाली दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन की दुर्गाष्टमी के दिन ये उपाय करने से हमेशा धन-धान्य की प्राप्ति होगी।

सावन मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त

श्रावण के शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ - 05 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट से शुरू

श्रावण के शुक्ल अष्टमी समाप्त - 06 अगस्त को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर

सावन दुर्गाष्टमी में ये उपाय करना होगा शुभ

करें तुलसी जी की पूजा

दुर्गाष्टमी और शुक्रवार एक ही दिन पड़ रहा है। ऐसे में तुलसी मां के आसपास 9 घी के दीपक जलाएं और एक दीपक बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे आपको हर क्षेत्र में सफलता के साथ रुके हुए काम होंगे। इसके साथ ही बिजनेस में मुनाफा होगा।

चीटियों को खिलाएं आटा

दुर्गाष्टमी के दिन आटे में थोड़ी सी चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से पैसों की तंगी से छुटकारा मिल जाता है।

मां दुर्गा को भेंट करें ये चीजें

दुर्गाष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा के मंदिर जाकर उन्हें मालपुए और केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही लाल चुनरी भेंट करें।

मां दुर्गा को चढ़ाएं सोलह श्रृंगार

दुर्गाष्टमी के दिन सुहागिन महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर, चूड़ियां, कंघी, शीशा, मेहंदी सहित सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

कराएं कन्याओं को भोजन

दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की विधिवत पूजा करके उन्हें खीर-पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि का भोजन कराएं। ऐसा करने से मां भगवती की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी, जिससे धन धान्य की प्राप्ति होगी।


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