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धर्म-अध्यात्म
कुंडली में राहु-केतु की खराब दशा के कारण आती है शुभ कामों में बाधाएं, जानें इन्हें दूर करने के उपाय
Tulsi Rao
13 Dec 2021 7:14 AM GMT
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जीवन में ग्रह-नक्षत्र भी बहुत ही महत्वपूर्ण जगह रखते हैं. ग्रहों की दशा खराब होने से जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसके चलते कई उतार-चढ़ाव भी आते हैं. ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Rahu-Ketu Upay: जीवन में ग्रह-नक्षत्र भी बहुत ही महत्वपूर्ण जगह रखते हैं. ग्रहों की दशा खराब होने से जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसके चलते कई उतार-चढ़ाव भी आते हैं. ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है. बता दें कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के कारण ही कालसर्प योग का निर्माण होता है. मान्यता यह भी है कि राहु-केतु की स्थिति व्यक्ति के पक्ष में न होने से उसका जीवन में बहुत परेशानियां आ जाती हैं. हर कार्य में रुकावटें आती हैं.
इन सब चीजों के कारण तनाव इतना बढ़ जाता है कि स्थितियों को संभाल पाना भी मुश्किल हो जाता है. इसी कारण लोग राहु-केतु का नाम सुनते ही घबराने लगते हैं. अगर आप भी राहु-केतु के अशुभ प्रभावों की वजह से परेशान हैं, तो हम बता रहे हैं राहु और केतु के दुष्प्रभावों से बचने के कुछ उपायों के बारे में.
राहु की अशुभ स्थिति से बचने के लिए
1. राहु की अशुभ स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए. इतना ही नहीं, उनके मंत्र ॐ नम: शिवाय का भी जाप करें. वहीं, शिवलिंग के सामने बैठकर नियमित रूप से शिव चालीसा का पाठ करें. शिव जी की पूजा करने से राहु का प्रभाव कम होता है.
2. कुंडली में राहु से जुड़े दोष होने पर किसी पंडित की सलाह से गोमेद युक्त राहु यंत्र धारण करना चाहिए. इससे भी राहु का प्रभाव कम होता है.
3. मान्यता है कि राहु के कष्टों से बचने के लिए उड़द, गर्म कपड़े, सरसों, काला फूल, राई आदि चीजों का सामर्थ्य अनुसार शनिवार के दिन दान करें. इसके अलावा रोजाना सुबह तुलसी के पत्ते का पानी के साथ सेवन करें.
4. राहु शांति के लिए इसके बीजमंत्र 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः' मंत्र का प्रतिदिन एक माला जाप करें. ऐसा करने से ही काफी राहत मिलती है.
केतु के दुष्प्रभाव से बचने के तरीके
1. केतु से जुड़े अशुभ प्रभावों से बचने के लिए केतु के बीज मंत्र 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:' मंत्र का जाप करें.
2. केतु के प्रभावों से बचने के लिए एक उपाय ये भी है कि घर में चितकबरा कुत्ता या चितकबरे रंग की गाय पालें. अगर आप ऐसा कर सकते हो तो ये बहुत ही अच्छी बात है. और इसकी खूब सेवा करें.
3. केतु की दशा से मुक्ति के लिए तिल, झण्डी, काजल, गरम कपड़े, सतनजा, मूली आदि का दान भी अच्छा माना जाता है. सामर्थ्य के अनुसार रविवार के दिन दान करें.
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