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- पंचक के कारण 4 दिन कम...
कांवड़ यात्रा में लगभग प्रत्येक वर्ष पंचक का साया भी आ जाता है। मान्यता है कि पंचक काल में कांवड़ लेकर चलना निषेध होता है।
परशुराम महादेव मंदिर के महंत पंडित अवधराज आचार्य के अनुसार पंचक काल में कांवड़ तैयार करना निषेध होता है। यदि कांवड़ पर बांस के डंडे मे गंगाजल रखने की टोकरी आदि पंचक से पहले ही बंधी हो तो गंगाजल लेकर चलने में कोई बाधा पंचक काल की नही होगी। अपने हाथ से पंचक में रस्सी आदि बांधकर कांवड़ तैयार नही करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि पंचक शनिवार 16 जुलाई से प्रारंभ हो चुका है और 20 जुलाई को दिन में 12.51 बजे तक पंचक काल रहेगा। पंडित अवधराज आचार्य का कहना है कि अब बंधी बंधाई रेडिमेड कांवड बाजार में मिलती है। उनमें गंगाजल लेकर पंचक काल में निकलना अशुभ नही माना जाता है। बड़ी संख्या में शिवभक्त कांवड में गंगाजल उठाते समय पंचक काल का ध्यान रखते हैं। इसी कारण अगले चार दिन तक कांवड़ यात्रा में पंचक काल का असर दिखा सकता है।