धर्म-अध्यात्म

कोरोना के कारण मां तारिणी मंदिर के बंद श्रद्धालु नहीं कर रहे दर्शन

Teja
14 Jan 2022 5:40 AM GMT
कोरोना के कारण मां तारिणी मंदिर के बंद श्रद्धालु नहीं कर रहे दर्शन
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आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरीकों से मनाया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का अपना महत्व है. स्नान करने के बाद अपने अराध्य के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के कारण श्रद्धालुओं को निराश होकर घर पर ही रुकना पड़ रहा है. जगह-जगह प्रशासन ने सख्त पाबंदियां लगाकर श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा रखी है. ऐसा ही नजारा ओडिशा में क्योंझर जिले के घाटागांव स्थित मां तारिणी के मंदिर (Maa Tarini Temple) में भी है. कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण मकर संक्रांति के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं.

मंदिर में हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. जिला प्रशासन ने इस बार भी भारी भीड़ के अंदेशे में निर्णय लिया है कि आज मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर के कपाट बंद ही रहेंगे. क्योंझर जिले के जिला कलेक्टर ने पहले ही इस संबंध में आदेश दे दिया था. जिला प्रशासन ने अपने आदेश में कहा, 'मकर संक्रांति के अवसर पर मां तारिणी मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालुओं भारी भीड़ इकट्ठा होने का अनुमान है. इसलिए मां तारिणी ठकुरानी ट्रस्ट के अध्यक्ष के अनुरोध के अनुसार आदेश दिया जाता है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर के कपाट बंद रखे जाएं.'
मां तारिणी ठकुरानी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र पटनायक ने कहा, मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं को मां के दर्शन नहीं होंगे. इसी के साथ ही कोविड19 महामारी की तीसरी लहर के चलते बाघमारी में लगने वाले प्रसिद्ध मकर मेले का आयोजन भी नहीं हो रहा है. जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक हटकेश्वर मंदिर और अत्री स्प्रिंग के प्रांगण में धारा 144 लगा दी है. हालांकि, इस पवित्र धाम में अधिकतम 5 पुरोहितों के साथ अन्य धार्मिक गतिविधियां जारी हैं.
कटक जिला प्रशासन ने भी प्रसिद्ध भगवान धबलेश्वर धाम में मकर संक्रांति के अवसर पर धारा 144 लगा दी है. यह प्रतिबंध शुक्रवार को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लागू रहेंगे. हालांकि, सभी रस्में बंद दरवाजे के पीछे चलती रहेंगी.


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