धर्म-अध्यात्म

पितरों की कृपा पाने के लिए इस दिन क्या करें और क्या न करें

Shiddhant Shriwas
22 Jun 2022 9:45 AM GMT
पितरों की कृपा पाने के लिए इस दिन क्या करें और क्या न करें
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पितृपक्ष का समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है जो इस बार 6 अक्टूबर को है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म के अनुसार पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।शास्त्रों के अनुसार पितृ इन दिनों पृथ्वी पर विचरण करते हैं। ताकि 16 दिनों तक वह अपने परिजनों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण कर तृप्त हो सकें। पितृपक्ष का समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है जो इस बार 6 अक्टूबर को है। इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या या मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन ज्ञात, अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है, जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद नहीं होती है तो वो भी इस दिन अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं। इस दिन तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से मानसिक शांति होती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूर्वजों और पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सभी कष्टों का निवारण होता है।पितरों का आपके परिवार पर आशीर्वाद बना रहे इसके लिए अमावस्या के दिन इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

अमावस्या पर क्या करें

इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ब्राह्मणों को घर बुलाएं और आदर के साथ उन्हें भोजन कराएं और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करें। इस दिन गाय, कुते और कौए को भोजन अवश्य कराना चाहिए, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे।

सर्व पितृ अमावस्या के दिन चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं,गाय को हरा चारा खिलाएं ऐसा करने से आपको कष्टों से मुक्ति मिलेगी।पितृपक्ष में पशु पक्षियों को अन्न-जल देने से विशेष लाभ मिलता है। इन्हें भोजन देने से पितृगण संतुष्ट होते हैं।

इस दिन पितरों के निमित्त असहाय एवं गरीब लोगों को भरपेट भोजन कराएं। ऐसा करने से घर की आर्थिक परेशानी दूर होती है और धन संपत्ति का आगमन होता है।

इस दिन संध्याकाल में घर के ईशान कोण में पूजा वाले स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होगी।

अनेकों परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं और किसी तालाब या नदी के किनारे जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें।

भूलकर भी यह न करें

सर्वपितृ अमावस्या के दिन जो कोई भी व्यक्ति आपके घर दान-दक्षिणा लेने आए उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। आप जितना दान या दक्षिणा देने में समर्थ हों उतना जरूर करें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर इस दिन आपके घर कोई भूखा व्यक्ति खाना मांगते हुए आता है तो उसे खाने के लिए मना नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खाना खिलाएं या चावल-आटा दान करें।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें,ऐसा करना पितृ दोष का कारण बन सकता है इसलिए इस दिन मांस-मदिरा के सेवन से बचें।

इस दिन बाल,नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि इस दिन दाढ़ी भी नहीं बनानी चाहिए ,मान्यता के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

इस दिन किसी के साथ बुरा व्यवहार न करें। अपने से बड़े लोगों का अपमान नहीं करें ऐसा व्यवहार अच्छा नहीं माना जाता है। माना जाता है कि विशेष रूप से सर्वपितृ अमावस्या के दिन ऐसा करने से घर में पितृ दोष लगता है।

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