धर्म-अध्यात्म

निर्जला एकादशी पर क्या करें-क्या न करें

Manish Sahu
3 Aug 2023 12:55 PM GMT
निर्जला एकादशी पर क्या करें-क्या न करें
x
धर्म अध्यात्म: एक साल में 24 एकादशी आती हैं। इसमें सबसे अहम निर्जला एकादशी मानी जाती है। इसे भीमसेन एकादशी भी बोलते हैं। निर्जला एकादशी सबसे पवित्र एकादशी मानी जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी बोलते हैं। निर्जला एकादशी में पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की जाती है। इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक जल भी न पीने का विधान होने की वजह से इसे निर्जला एकादशी कहते हैं।
वही निर्जला एकादशी पर अगर आप निर्जला एकादशी का फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको कुछ नियम नियमों का पालन करना होगा, जिससे आपको निर्जला एकादशी का फल प्राप्त हो। ज्योतिष के अनुसार, निर्जला एकादशी प्रभु श्री विष्णु को समर्पित दिन है। निर्जला एकादशी के दिन आपको अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करना होता है। जिसमें सूर्य निकलने से पहले उठकर स्नान करना बताया गया है। सूर्य निकलने से पहले उठकर स्नान करने के पश्चात् प्रभु श्री विष्णु के निमित्त पूजा अर्चना और विधि अनुसार उनके निमित्त पाठ करना चाहिए, जिससे निर्जला एकादशी का पूरा फल प्राप्त हो सके। वही जो दंपत्ति निर्जला एकादशी के व्रत को करते हैं उन्हें पूर्ण तौर पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
साथ ही निर्जला एकादशी के दिन पीले वस्त्र धारण करने से प्रभु श्री विष्णु प्रसन्न होते हैं, इसलिए भूल कर भी निर्जला एकादशी के दिन काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। अगर आपके द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया गया है तो आपको निर्जला एकादशी का फल प्राप्त नहीं होगा तथा अगर आपके द्वारा इन सभी नियमों का पालन विशेष तौर पर किया गया है, तो प्रभु श्री विष्णु की अपार कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी तथा धन की बरसात भी होगी। ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है प्रभु श्री विष्णु की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है।
Next Story