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11 अगस्त को हरियाली तीज का पावन त्योहार मनाया जाएगा। यह पर्व सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 11 अगस्त को हरियाली तीज का पावन त्योहार मनाया जाएगा। यह पर्व सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा व व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इससे सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। मगर इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके। चलिए जानते हैं कि हरियाली तीज के दिन क्या और क्या नहीं करना चाहिए...
हरियाली तीज पर करें ये काम
श्रृंगार में हरे रंग का प्रयोग करें
हरे रंग को पति की खुशहाली व मन की शांति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस पर्व पर हरे रंग के कपड़े, चूड़ियां, मेंहदी आदि का जरूर प्रयोग करें।मायके से आए उपहारों का प्रयोग करें
इस पावन पर्व में सुहागिन महिलाओं को उनके मायके से खास उपहार मिलते हैं। इसमें मिठाई, फल, श्रृंगार का सामान व अन्य जरूरत का सामान होता है। इस दिन इन सब चीजों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
- व्रत कथा सुनिए
कोई भी व्रत कथा सुने बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए हरियाली तीज की व्रत कथा जरूर सुनें।
- तीज माता के गीत और कहानियां सुनें
तीज माता यानि माता पार्वती के गीत, कथाएं, कहानियां सुनें।
हरियाली तीज पर न करें ये काम
पानी व भोजन का सेवन ना करें
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है। इसलिए अगर आप व्रत रख रही है तो पानी पीने व भोजन खाने से परहेज रखें। मगर गर्भवती या बीमार महिला उपवास में थोड़ा सा खा-पी सकती है।
- जीवनसाथी से प्यार से पेश आए
वैसे तो महिलाओं को हमेशा ही अपेन पति व परिवार के साथ अच्छे से पेश आना चाहिए। मगर इस शुभ दिन पर खासतौर पर जीवनसाथी से झूठ ना बोले। अपने मन में किसी तरह का छल-कपट ना रखएं।
- काले और सफेद कपड़े पहनने से रखें परहेज
काले और सफेद वस्त्र को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए हरियाली व्रत में इन रंगों के कपड़े पहनने से बचें।
- सोएं ना
पौराणिक कथाओं अनुसार, इस व्रत में सोने की जगह पर रातभर माता का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- मन में बुरे विचार ना आने दें
कहा जाता है कि व्यक्ति को मन, कर्म और वाणी से हमेशा शुद्ध होना चाहिए। इसलिए मन में कभी भी किसी के लिए बुरे विचार, सोच ना लाए। साथ ही किसी के लड़ने-झगड़े से भी बचें।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से बचें
हरियाली का अर्थ प्राकृति होता है। इसके साथ ही माता पार्वती ही प्राकृति कहलाती है। इसलिए इस दिन खासतौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से बचें। आप चाहें तो इस खास पर्व में पौधे लगा सकती है।
TagsHariyali Teej
Ritisha Jaiswal
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