धर्म-अध्यात्म

भूलकर भी न करें शनि जयंती के दिन ये 9 काम, नहीं तो शनि देव हो जाएंगे नाराज

Renuka Sahu
28 May 2022 3:04 AM GMT
Dont forget to do these 9 things on Shani Jayanti, otherwise Shani Dev will get angry
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फाइल फोटो 

शनि जयंती 30 मई को है. इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या है. इस तिथि को शनि देव का जन्म सूर्य देव और माता छाया के घर हुआ था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनि जयंती (Shani Jayanti) 30 मई को है. इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या है. इस तिथि को शनि देव का जन्म सूर्य देव और माता छाया के घर हुआ था. शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. हर कोई चाहता है कि शनि देव उससे प्रसन्न रहें, ताकि उनके जीवन में कोई समस्या न आए, कार्यों में सफलता प्राप्त हो. शनि देव के प्रसन्न होने से साढ़ेसाती या ढैय्या की पीड़ा से शांति मिलती है. शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए भक्त पूजा पाठ, दान और अन्य ज्योतिष उपाय करते हैं, ताकि उनका जीवन सुखमय हो.

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि देवी देवताओं को प्रसन्न करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यह भी है कि वे हमारे किसी कर्म या व्यवहार से नाराज न हों. यदि वे नाराज हो जाएंगे, तो फिर कई प्रकार की समस्याएं आने लगेंगी. आइए जानते हैं कि शनि जयंती के दिन हमें वे कौन से कार्य हैं, जिनको नहीं करना चाहिए, ताकि शनि देव नाराज न हों. शनि देव नाराज होंगे, तो समझ लीजिए कि जीवन में कई प्रकार की दिक्कतें शुरु हो जाएंगी. आपका बुरा वक्त शुरु हो जाएगा.
शनि जयंती 2022 न करें ये काम
1. सबसे पहले तो आपको अपने व्यवहार और वाणी पर संयम रखना चाहिए. इस दिन आप किसी को कटु वचन न बोलें और न ही किसी के साथ गलत व्यवहार करें.
2. यदि आपके घर नौकर हैं, सफाई कर्मचारी काम करते हैं, तो उनके साथ गलत व्यवहार न करें. उनके साथ अच्छे से पेश आएं.
3. गलत संगत न करें. जुआ, शराब, मांस-मदिरा आदि का सेवन न करें.
4. कोढ़ी, रोगी, असहाय, अपाहिज व्यक्ति आपसे मदद मांगते हैं, तो आप उनको अनदेखा न करें. जो लोग ऐसे व्यक्तियों की मदद करते हैं, उन पर शनि देव प्रसन्न रहते हैं.
5. अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों का अपमान न करें. उनका तिरस्कार न करें. उनके प्रति मन में गलत भावनाएं न रखें.
6. शनिवार, शनि अमावस्या या शनि जयंती के अवसर पर दाढ़ी, बाल या नाखून न काटें. यह वर्जित माना गया है.
7. जीवों के प्रति हिंसात्मक व्यवहार न करें. जीवों पर दया करें, उनको भोजन और पानी के अतिरिक्त प्रेम भी दें.
8. व्यभिचार, चोरी, लालच, धोखा आदि न करें.
9. भूखे और प्यासे लोगों को अपने घर से न भगाएं. वैसे भी हिंदू धर्म में पानी और भोजन कराना पुण्य का कार्य है.
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