धर्म-अध्यात्म

खास होता है इस चीज का दान, सूर्य देव की कृपा से मिल सकता है राजयोग जैसा सुख

Triveni
22 Dec 2022 6:34 AM GMT
खास होता है इस चीज का दान, सूर्य देव की कृपा से मिल सकता है राजयोग जैसा सुख
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फाइल फोटो 

हिंदू धर्म में दान-पुण्य को विशेष महत्व दिया गया है. मान्यता है कि पूर्णिमा, अमावस्या और विशेष दिन में दान करने से पुण्य की प्राप्त होती है. जिससे

जनता से रिश्ता वबेडेस्क | हिंदू धर्म में दान-पुण्य को विशेष महत्व दिया गया है. मान्यता है कि पूर्णिमा, अमावस्या और विशेष दिन में दान करने से पुण्य की प्राप्त होती है. जिससे पाप कर्म का प्रभाव कम होने लगता है. इस संबंध में शास्त्रों में भी कहा गया है कि पुण्य अर्जित करने से पाप कर्म कम हो जाते हैं. धर्म शास्त्रों में कई प्रकार के दान के बारे में बताया गया है. उन्हीं में से एक आदित्य मंडल दान है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि इस दान को करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. जिससे कुंडली के कई दोष खत्म हो जाते हैं. कहा यह भी जाता है कि इस दान को करने से सूर्य देव की कृपा से राजयोग जैसा सुख प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आदित्य मंडल दान के बारे में.

आदित्य मंडल दान की विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदित्य मंडल दान की विधि भगवान श्रीकृष्ण ने सबसे पहले युधिष्ठिर को बताई थी. इस विधि के अनुसार, सबसे पहले 'जौ' (यव) में गुड़ मिलाकर गाय के घी में सूर्य मंडल के आकार का पुआ बनाया जाता है. इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा कर उनके आगे लाल चंदन का मंडप बनाया जाता है. जिसके बाद इसके ऊपर सूर्य मंडल को रखा जाता है.
दान का मंत्र
पूजा आदि करने के बाद किसी ब्राह्मण को बुलाना चाहिए. इसके बाद उन्हें लाल वस्त्र, दक्षिणा और उस सूर्य मंडल को दान करना चाहिए. दान करते समय एक मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इस मंत्र के साथ दान करने से पुण्य का प्राप्ति होती है. वह मंत्र इस प्रकार है.
आदित्यतेजसोत्पन्नं राजतं विधिनिर्मितम्
श्रेयसे मम विप्र त्वं प्रतिगृहेणदमुत्तमम्
आदित्य मंडल दान का महत्व
सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए यह दान काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस दान से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. भगवान सूर्य की कृपा से दानकर्ता के सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके बाद वह राजा की तरह जिंदगी जीने लगता है. वैसे तो यह दान रोज किया जा सकता है, लेकिन विजय सप्तमी के दिन इस दान का विशेष महत्व है.
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