धर्म-अध्यात्म

पितृ पक्ष पर करें इन चीजों का दान..... मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

Bhumika Sahu
21 Sep 2021 4:47 AM GMT
पितृ पक्ष पर करें इन चीजों का दान..... मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
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पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है. इस दिन दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख- समृद्धि आती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए तर्पण करना चाहिए. मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में हमारे पितर यमलोक से पृथ्वी पर आते हैं और तर्पण ग्रहण करने के बाद अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं. पंचांग के अनुसार भादों मास की पूर्णिमा से 20 सितंबर 2021 से पितृपक्ष शुरू हो गया.

लेकिन पूर्णिमा (Purnima) वाला दिन ऋषियों को समर्पित होता है. उसके अगले दिन यानी 21 सितंबर से मनुष्य अपने पूर्वज की मृत्यु तिथि के अनुसार तर्पण और पिंडदान करा सकते हैं. पितृपक्ष में दान करना बहुत शुभ होता है. आइए जानते हैं पितृपक्ष में किन चीजों का दान करना चाहिए.
काला तिल
श्राद्ध पक्ष में पितरों की पूजा के लिए काले तिल का इस्तेमाल किया जाता है. काला तिल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है. श्राद्ध पक्ष में किसी भी दान को देते समय हाथ में काला तिल होना चाहिए. मान्यता है कि इस दान का फल पितरों को प्राप्त होता है. अगर आप किसी अन्य वस्तु को दान नहीं करना चाहते हैं तो तिल का दान कर सकते हैं. यह भी मान्यता है कि काले तिल का दान करने से पितर आने वाली परेशानियों से बचाते हैं.
चांदी
शास्त्रों में पितरों का निवास स्थान चंद्रमा के ऊपर भाग में होता है. इसलिए चांदी से बनी चीजों का दान करना शुभ होता है. माना जाता है कि चांदी, चावल और दूध का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं.
गुड़ और नमक
पितृ पक्ष में गुड़ और नमक का दान करना शुभ होता है. अगर आपके घर में छोटी- छोटी बातों पर लड़ाई और झगड़ा होता है पितरों से निमित्त गुड़ और नमक का दान करना चाहिए. इसका जिक्र गरूड़ पुराण में भी किया गया है.
वस्त्र का दान
पितर पक्ष में पितरों के निमित्त उनके पहनने योग्य कपड़ों का दान करना शुभ होता है. इसके अलावा जूते- चप्पल और छाते का दान करना राहु- केतु दोष का निवारक माना जाता है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए काली छाते का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इससे घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है.


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