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भौमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण के दिन शाम को करें पितरों का दान और पूजा
प्रत्येक वर्ष दीपावली का पावन पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जिसमें रात्रिकालीन व्याप्त अमावस्या का ही महत्व होता है । इसी कारण से इस वर्ष उदय कालिक अमावस्या नहीं मिलने के बाद भी दीपावली का पावन पर्व 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। परंतु स्नान दान सहित श्राद्ध की अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है। श्राद्ध की अमावस्या में मध्यान्ह व्यापिनी तिथि का विशेष महत्व होता है। इसी कारण से इस वर्ष स्नान दान सहित श्राद्ध एवं तर्पण की अमावस्या 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को होगा।
वैसे अमावस्या तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को सायं 5:04 से आरंभ होकर 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को शाम 4:35 तक व्याप्त रहेगा। इसी कारण से श्राद्ध की अमावस्या 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा । मंगलवार के दिन जब अमावस्या पड़ता है तब उसे भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को सूर्य ग्रहण भी लग रहा है । अतः यह दिन अत्यंत शुभ फल प्रदायक हो जाता है । इस दिन गंगा ,गोदावरी, सरयू नदी सहित किसी भी पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद किसी सरोवर या नदी के तट पर पितरों का श्राद्ध तर्पण दिन के मध्यान्ह काल में करने से पितर देव प्रसन्न होकर का शुभ आशीर्वाद प्रदान करते है।
अमावस्या के दिन किया जाने वाला ग्रह संबंधित समस्त उपाय 25 अक्टूबर दिन मंगल को ही दिन में सूर्योदय से लेकर के दोपहर 4:35 तक कर लिया जाएगा। जितने लोगों की जन्म कुंडली में राहु नकारात्मक प्रभाव प्रदान कर रहा है।