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नई दिल्ली : प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा होती है। इस दिन भक्त व्रत रखते और शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है, यह व्रत भोलेनाथ को अति प्रिय है। महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं। इस बार यह व्रत 20 मई, 2024 दिन सोमवार यानी रखा जाएगा। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर इस शुभ तिथि पर भोलेनाथ की पूजा के साथ कुछ खास उपाय किए जाए, तो जीवन की दशा बदल सकती है। साथ ही सारे कार्य सिद्ध हो सकते हैं।
ऐसे में जो लोग इस पवित्र दिन पर शाम के समय भगवान शंकर की पूजा विधि अनुसार करने के बाद, दीपदान करते हैं, उन्हें हर वो चीज प्राप्त होती है, जिसके वे इच्छुक होते हैं, तो आइए दीपदान कैसे करना है उसके बारे में जानते हैं ?
दीपदान करें
सुबह पवित्रता का ध्यान रखते हुए व्रत का संकल्प लें। शाम के समय स्नान करें। इसके बाद एक वेदी पर भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा स्थापित करें। उनका भक्ति भाव के साथ जलाभिषेक करें। चंदन का त्रिपुंड लगाएं। सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। फल,मिठाई, घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। शिव तांडव स्तोत्र, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें। प्रदोष काल यानी शाम के समय महादेव के निमित्त दीपदान करें। इसके बाद उनकी आरती करें। शंखनाद के साथ पूजा समाप्त करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा याचना करें।
त्रयोदशी तिथि कब है ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई, 2024 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 58 पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 21 मई दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगी। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, जिसके चलते साल का पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा।
पंचाक्षरी मंत्र
।।ॐ नम: शिवाय।।
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Apurva Srivastav
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