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- क्या ज्योतिषीय नींद पर...
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पर्याप्त नींद से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। हमारी नींद मानसिक तनाव, शारीरिक रोग, वास्तु दोष और कुछ ज्योतिषीय कारणों से प्रभावित होती है। यदि अच्छे से नींद नहीं होती है तो व्यक्ति रोगग्रस्त हो जाता है। ज्योतिष का मानना है कि हमारी नींद को ग्रह नक्षत्र भी प्रभावित करते हैं। निद्रा को ग्रह नियंत्रित करते हैं।
कुंडली के खाने : पहला खाना लग्न, चौथा खाना चतुर्थ भाव, आठवां खाना अष्टम भाव और बारहवां खाना द्वादश भाव हमारी नींद को प्रभावित करता है।
ग्रह : शनि ग्रह को नींद का मुख्य ग्रह मानते हैं। इसके अतिरिक्त, चंद्रमा, शुक्र और बुध ग्रह भी नींद को प्रभावित करते हैं।
राशियां : कर्क, वृश्चिक और मीन राशि जल की राशियां होती हैं, जिन्हें निंद्रा की राशियां माना जाता हैं। इसके साथ ही, वायु की राशियां, अर्थात मिथुन, तुला, कुंभ भी निंद्रा की ही राशियां हैं।
कब आती है अच्छी नींद?
शनि ग्रह के प्रधान रहने से अच्छी नींद आती है।
चंद्रमा, शुक्र या बुध ग्रह के अच्छे स्थान पर होने से पूरी नींद आती है।
अष्टम भाव या केंद्र में शुभ ग्रहों के विराजमान होने से भी नींद अच्छी आती है।
कुंडली में जल तत्व मजबूत या ज्यादा मात्रा में हो, तो पूरी नींद आती है।
कर्क, वृश्चिक, मीन, मिथुन, तुला और कुंभ राशि वाले लोगों को बढ़िया नींद आती है।
यदि आपके घर के पास कोई जल का स्रोत है। जैसे, कुआं, तालाब, नदी या समुद्र तो आप कई मर्तबा अच्छे से नींद लेते हैं।
कब नींद नहीं आती है?
यदि कुंडली में आपका शनि शुभ नहीं है तो आपकी नींद उड़ जाएगी।
यदि आपके कुंडली में चंद्रमा या शुक्र ग्रह पीड़ित हैं, तो भी आपकी नीं उड़ जाएगी।
बुध ग्रह के पीड़ित से किसी न किसी बात को लेकर चिंता होने लगती है जिसके चलते नींद उड़ जाती है।
कुंडली में यदि पृथ्वी तत्व अथवा अग्नि तत्व की प्रबलता बढ़ जाती है, तो जातक बिन कठिनाइयों के नहीं सो पाता है।
मंगल के भारी रूप से खराब होने के कारण, शारीरिक दिक्कतें होती हैं और परिणामस्वरूप जातक को नींद नहीं आती है।
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Apurva Srivastav
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