धर्म-अध्यात्म

क्या आप जानते है वास्तु अनुसार कैसा हो ऑफिस

Apurva Srivastav
8 Feb 2023 3:10 PM GMT
क्या आप जानते है वास्तु अनुसार कैसा हो ऑफिस
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चाहे दुकान हो, घर हो या कार्यालय हो, वहां कार्य आरंभ करने से पूर्व अपने धर्म एवं आस्था के अनुसार

आजकल हर छोटे-मोटे नागरिक के सरकारी, अर्धसरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों के बैंकों, प्राइवेट कम्पनियों के कार्यालयों में किसी न किसी कारण चक्कर लगते ही रहते हैं। आपने ऐसे कार्यस्थलों का यदि बारीकी से निरीक्षण किया हो तो सरकारी दफ्तरों और निजी दफ्तरों के रखरखाव, साज-सज्जा, वहां के कर्मचारियों, उनके व्यवहार, कार्यकुशलता में जमीन-आसमान का अंतर पाया होगा। कुछ तो कारण होंगे जो एक कार्यालय को दूसरे से भिन्न बनाते हैं। यदि किसी ऑफिस का वास्तु प्रकृति के अनुरूप है, वहां की कार्यक्षमता बढ़ती है, धन-लाभ भी बढ़ता है।

वास्तु के अनुरूप कार्यालय
चाहे दुकान हो, घर हो या कार्यालय हो, वहां कार्य आरंभ करने से पूर्व अपने धर्म एवं आस्था के अनुसार ईश्वर को याद करने से कार्य कुशलता बढ़ती है। सरकारी कार्यालयों में आज भी कर्मचारी लेट-लतीफी और अपने कार्यालय के प्रति पूर्णत: समर्पित न होने के कारण विभाग को कार्यक्षमता की दृष्टि से पीछे ले जाते हैं।एक राष्ट्रीयकृत बैंक की कई शाखाओं में आज भी प्रबंधक पूरे स्टाफ के साथ बैंक का कार्य आरंभ करने से पहले सामूहिक प्रार्थना करते हैं।आपके ऑफिस में कम्प्यूटर और कोई भी इलैक्ट्रॉनिक उपकरण हो तो उसे हमेशा आग्नेय कोण में ही लगाना चाहिए। यह दिशा अग्नि देव की दिशा है।
अगर आप ऑफिस में कोई भी वेटिंग या मीटिंग रूम बनाते हैं तो उसे हमेशा वायव्य कोण में ही बनाएं। वास्तु के अनुसार वायव्य कोण शुभ माना जाता है। एक टेबल पर सिर्फ एक कर्मचारी को बैठना चाहिए। एक से अधिक कर्मचारियों को बैठाने से काम बाधित होता है।ऑफिस में किसी भी कर्मचारी की पीठ मुख्य द्वार की ओर नहीं होनी चाहिए।ऑफिस में किचन या कैंटीन दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। बाथरूम कभी भी ईशान कोण या उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये दिशाएं वास्तु में सबसे शुभ मानी जाती है। ऑफिस में दीवारें, पर्दे, टेबल सब हल्के रंग के होने चाहिएं।
कभी भी हिंसक पशु-पक्षी, रोते हुए व्यक्ति, डूबते हुए जहाज, ठहरे पानी की पेंटिंग आदि की तस्वीर नहीं होनी चाहिए। इससे ऑफिस में नैगेटिव एनर्जी आती है और कमर्चारियों के दिमाग पर गलत असर पड़ता है। हंसते हुए बच्चे, महापुरुष, बहते हुए पानी, खिलाड़ी आदि की तस्वीर लगनी चाहिए इससे ऑफिस में पॉजिटिव एनर्जी का वास रहता है। आप प्रेरणा देने वाले वाक्य भी लिखकर टांग सकते हैं।ऑफिस में काम आने वाली चीजें जैसे फैक्स, कम्प्यूटर, घड़ी, फोटोकॉपी मशीन, स्कैनर आदि बंद या गंदे न रखें।
रोज सफाई करनी चाहिए
ऑफिस का मुंह उत्तर या पूर्व में खुले तो वास्तु की दृष्टि से यह सही होता है। दक्षिण, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम तथा बीच के स्थान पर बने बेसमैंट के ऑफिस तो कतई शुभ नहीं होते। ऑफिस के प्रमुख या मालिक के बैठने की जगह पर पीठ के पीछे ठोस दीवार का होना आवश्यक है। खिड़की बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। मुंह के बिल्कुल ठीक सामने खिड़की का होना फिर भी फलदायी है। प्रमुख के बैठने की जगह पर सिर के ऊपर जाल, पीठ के पीछे और कंधे के बगल में दरवाजा या खिड़की अथवा रोशनदान, ये सभी चीजें नुक्सानदायक हैं। ऑफिस में वास्तु की दृष्टि से जब आप बैठें तो मुंह हमेशा उत्तर की ओर होना चाहिए या पूर्व की ओर। उत्तर-पूर्व की स्थिति भी बेहतर है। अपनी मेज पर जरूरी फाइलें पूर्व-उत्तर के साइड में रखें।
यदि आपका लोगों से तालमेल अच्छा नहीं बैठता है तो अपनी टेबल पर एक बांस का पौधा रखें। ऑफिस में हमेशा जूते पहनकर आना चाहिए क्योंकि चप्पल पहने से नकारात्मक ऊर्जा का संचरण होता है।टेबल की रैक या अल्मारी में जरूरी समान ही रखें। फालतू कबाड़ इकट्ठा न करें। सप्ताह में एक बार रैक व अलमारी की सफाई जरूर करें। ऑफिस के बॉस को कुर्सी के पीछे वाली दीवार पर हरे पहाड़ों वाली सीनरी लगानी चाहिए जिससे नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। ऑफिस में घड़ी हमेशा पूर्व या उत्तर की तरफ लगी होनी चाहिए क्योंकि घड़ी समय का प्रतीक है इसलिए घड़ी को सकारात्मक स्थान पर लगाना चाहिए। ऑफिस में ईशान कोण में एक छोटा-सा पूजा का स्थान होना चाहिए। सारे स्टाफ को दो मिनट ही सही, पूजा स्थान पर प्रार्थना करनी चाहिए।
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