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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कार्तिक का महीना स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्व रखता है. इस महीने में पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास में घर से बाहर किसी पवित्र नदी में स्नान, गायत्री जाप, विष्णु लक्ष्मी पूजन और तुलसी पूजन का खास महत्व माना जाता है.
अगर आप घर से बाहर जाकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. इस दौरान अपने मन में उन नदियों का भाव इस प्रकार रखें कि जैसे आप वहीं नदी में स्नान कर रहे हों. इसके अलावा वास्तु (Vastu) के अनुसार कार्तिक मास में घर में पेड़ पौधे लगाना और उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है.
कार्तिक मास में घर के उत्तर पूर्व की दिशा में तुलसी (Tulsi) के पौधे के चारों ओर चार केले के पत्तों से सुंदर मंडप बनाएं. तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाएं. साथ ही सुहाग का सामान जैसे- चूड़ी, बिंदी, आलता, सिंदूर, बिछिया आदि तुलसी को चढ़ाएं. फिर घी का दीपक जलाएं.
अक्षत, रोली और द्रव्य से विष्णु जी की पूजा करें. साथ में बताशे का भोग लगाएं. इससे दाम्पत्य जीवन में सुख रहेगा.
कार्तिक मास में आंवला के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें. इसके बाद वृक्ष की जड़ों को दूध से सींच कर उसके तने पर कच्चे सूत का धागा लपेंटे. महिलाएं आंवले के वृक्ष की सात परिक्रमाएं करें. ऐसे करने से सुख-समृद्धि एवं खुशहाली प्राप्त होती है.
कार्तिक मास में घर के उत्तर पूर्व की दिशा में केले का पौधा लगाकर उसकी नियमित रूप से पूजा करें.
कार्तिक महीने में घर की चारों दिशाओं में दीपक लगाकर मंदिर में भी दीपदान करें.