धर्म-अध्यात्म

शुक्रवार को विधि-विधान से करें काम, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

Ritisha Jaiswal
7 July 2022 2:55 PM GMT
शुक्रवार को  विधि-विधान से करें काम, मां लक्ष्मी  हो जाएंगी प्रसन्न
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हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन-वैभव की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है

हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन-वैभव की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने और मंत्र जाप आदि से प्रसन्न किया जा सकता है. इतना ही नहीं, ये भी मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से रूठी हुईं मां लक्ष्मी को भी प्रसन्न किया जा सकता है.

धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का व्रत करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. साथ ही, व्यक्ति की धन-संपत्ति में भी वृद्धि होने लगती है. आइए जानते हैं ऐसे ही मां लक्ष्मी के कुछ मंत्रों के बारे में, जिनका जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
1. मां लक्ष्मी का बीज मंत्र:
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से करना लाभदायी होता है.
2. धन समस्या दूर करने का मंत्र:
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए और आर्थिक समस्याओं या कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है.
3. श्री लक्ष्मी महामंत्र:
ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है. इसे महालक्ष्मी मंत्र के नाम से जाना जाता है. इसका जाप शुक्रवार को 108 बार करें. जाप करते समय तिल के तेल की दिया जलाना लाभदायक होता है.
4. सर्व मनोकामना पूर्ति लक्ष्मी मंत्र:
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
इसे मनोकामना पूर्ति का मंत्र कहा जाता है. इस मंत्र का जाप करने और देवी को कमल या गुलाबी रंग के फूल अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
5. सुख-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी का मंत्र:
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
इस मंत्र का जाप करते समय मां लक्ष्मी को इत्र या सुगंधित पादर्थ अर्पित करनें. इसके बाद इस मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.


Ritisha Jaiswal

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