धर्म-अध्यात्म

आज देवशयनी एकादशी पूजा के बाद करें ये काम, श्री हरि होंगे प्रसन्न

Tara Tandi
29 Jun 2023 6:43 AM GMT
आज देवशयनी एकादशी पूजा के बाद करें ये काम, श्री हरि होंगे प्रसन्न
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सनातन धर्म में वैसे तो कई व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि विष्णु पूजा को समर्पित होता हैं एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी जाती हैं अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि आज यानी 29 जून दिन गुरुवार को पड़ रही हैं ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करना उत्तम माना जात रहा हैं।
इस बार एकादशी और गुरुवार के शुभ संयोग से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। अगर आप भी आज भगवान की विधिवत पूजा कर रहे हैं तो उनकी प्रिय आरती का पाठ जरूर करें ऐसा करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल मिलता हैं और भगवान विष्णु भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा साधक पर करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं विष्णु आरती।
भगवान विष्णु की आरती-
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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