धर्म-अध्यात्म

बुधवार के दिन करें ये काम, सुख-समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद

7 Feb 2024 11:48 PM GMT
बुधवार के दिन करें ये काम, सुख-समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद
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ज्योतिष न्यूज़ : सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित है, वहीं बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। और व्रत आदि भी रखते हैं। माना जाता है …

ज्योतिष न्यूज़ : सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित है, वहीं बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। और व्रत आदि भी रखते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

लेकिन इसके साथ ही अगर बुधवार के दिन पूजा के दौरान श्रद्धापूर्वक गणेश पंच रत्न स्तोत्र का पाठ किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है, इसलिए आज हम आपके लिए ये चमत्कारी पाठ लेकर आए हैं। .

गणेश पंच रत्न स्तोत्र-

"मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं

कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।

अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं

नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥॥

नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं

नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।

सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं

महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥॥

समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं

दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।

कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं

मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥॥

अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं

पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।

प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्

कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥॥

नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं

अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।

हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां

तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥॥

महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं

प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।

अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां

समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात्" ॥॥

'श्री गणेश स्तुति'

"ॐ श्री गणेशाय नम:।

ॐ गं गणपतये नम:।

ॐ वक्रतुण्डाय नम:।

ॐ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:।

ॐ विघ्नेश्वराय नम:।

गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्।

उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्"।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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