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धर्म-अध्यात्म
शुक्रवार शाम पूजा में करें ये काम, लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
Tara Tandi
2 Jun 2023 2:22 PM GMT
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सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता हैं वही शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता हैं इस दिन भक्त धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि रखते हैं।
ऐसे में अगर आप भी संध्याकाल महालक्ष्मी की आराधना कर रहे हैं तो उनकी प्रिय स्तुति जरूर पढ़ें मान्यता है कि श्री नारायणी स्तुति का पाठ करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा करती हैं और सभी प्रकार के दुखों का अंत कर देती हैं साथ ही साथ आर्थिक परेशानियों से भी मुक्ति मिल जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री नारायणी स्तुति पाठ।
श्री नारायणी स्तुति—
सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्य हृदि संस्थिते ।
स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १ ॥
कलाकाष्ठादिरूपेण परिणामप्रदायिनि ।
विश्वस्योपरतौ शक्ते नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ २ ॥
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ३ ॥
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ४ ॥
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ५ ॥
हंसयुक्तविमानस्थे ब्रह्माणीरूपधारिणि ।
कौशाम्भःक्षरिके देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ६ ॥
त्रिशूलचन्द्राहिधरे महावृषभवाहिनि ।
माहेश्वरीस्वरूपेण नारायणि नमोऽस्तुते ॥ ७ ॥
मयूरकुक्कुटवृते महाशक्तिधरेऽनघे ।
कौमारीरूपसंस्थाने नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
शङ्खचक्रगदाशार्ङ्गगृहीतपरमायुधे ।
प्रसीद वैष्णवीरूपे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ९ ॥
गृहीतोग्रमहाचक्रे दम्ष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे ।
वराहरूपिणि शिवे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १० ॥
नृसिंहरूपेणोग्रेण हन्तुं दैत्यान् कृतोद्यमे ।
त्रैलोक्यत्राणसहिते नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ११ ॥
किरीटिनि महावज्रे सहस्रनयनोज्ज्वले ।
वृत्रप्राणहरे चैन्द्रि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १२ ॥
शिवदूतीस्वरूपेण हतदैत्यमहाबले ।
घोररूपे महारावे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १३ ॥
दम्ष्ट्राकरालवदने शिरोमालाविभूषणे ।
चामुण्डे मुण्डमथने नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १४ ॥
लक्ष्मि लज्जे महाविद्ये श्रद्धे पुष्टि स्वधे ध्रुवे ।
महारात्रि महामाये नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १५ ॥
मेधे सरस्वति वरे भूति बाभ्रवि तामसि ।
नियते त्वं प्रसीदेशे नारायणि नमोऽस्तुते ॥ १६ ॥
इति श्री नारायणी स्तुति पूर्ण ||
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Tara Tandi
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