धर्म-अध्यात्म

इस नवरात्रि में करें ये काम, मां दुर्गा हो जाएंगी प्रसन्न

Subhi
21 Sep 2022 3:52 AM GMT
इस नवरात्रि में करें ये काम, मां दुर्गा हो जाएंगी प्रसन्न
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हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. इस त्योहार को देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इन खास दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मंदिरों में मां का शृंगार किया जाता है. जगह-जगह पर एक से बढ़कर एक खूबसूरत पंडाल लगाए जाते हैं. मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना की जाती है.

हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. इस त्योहार को देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इन खास दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. मंदिरों में मां का शृंगार किया जाता है. जगह-जगह पर एक से बढ़कर एक खूबसूरत पंडाल लगाए जाते हैं. मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना की जाती है. इसके साथ ही कलश की स्थापना भी की जाती है. शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि इन दिनों में जो भी मां की पूजा-आराधाना करता है, उनके ऊपर मां का आर्शीवाद बना रहता है. इस दौरान मां के पूजा से जुड़े कुछ नियमों को समझ लेना चाहिए.

नवरात्रि पर रखें उपवास

कहते हैं कि मन हवा से भी ज्यादा चंचल होता है मन की एकाग्रता के लिए नवरात्रि में व्रत रखना चाहिए. इससे मन की शुद्धि हो जाती है और मन में हमेशा अच्छे विचार आते हैं.

नौ दिन करें मां का शृंगार

हिंदू शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के इन खास दिनों में मां दुर्गा स्वर्गलोक से धरती पर आती हैं. इन खास दिनों में भक्त मां की अलग -अलग रूपों में पूजा करते हैं. आपको ये याद रखना है कि पूजा के इन दिनों में मां का विशेष शृंगार करना है और पूजा सामग्री अर्पित करनी है.

मंदिर के दर्शन रोज करें

इन नौ दिनों में आपको रोज मंदिर जाना चाहिए. इससे मां कि कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और घर परिवार का कल्याण होगा. इन दिनों में मां की आराधना करने पर मां दु्र्गा जल्द प्रसन्न होती हैं. याद रहे मां की उपासना के दौरान उन्हें जल जरूर चढ़ाएं.

नवरात्रि पर जलाएं अखंड ज्योति

कलश स्थापना के साथ आपको नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाना चाहिए. कोशिश करें दीपक गाय के शुद्ध घी का हो और ये मां की प्रतिमा के निकट हो.

कन्या पूजन से मिलेगा लाभ

नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करके उन्हें भोज कराना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इन नौ वर्ष की कन्याओं में मां का वास होता है.


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