धर्म-अध्यात्म

16 श्राद्धों में रोजाना करें ये काम

Tara Tandi
24 Sep 2021 11:57 AM GMT
16 श्राद्धों में रोजाना करें ये काम
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भाद्रमास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भाद्रमास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक पितृ पक्ष रहता है। इस दौरान पितरों से संबंधित कार्य किए जाते हैं। छह अक्तूबर तक पितृपक्ष चलेगा। इस दौरान लोग अपने अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। जिस तिथि को व्यक्ति का निधन होता है उसी तिथि को उसका श्राद्ध करने की परंपरा है। श्राद्ध करने से पितृ दोष शांत होता है। पूर्वजों की कृपा मनुष्य पर हमेशा बनी रहती है। श्राद्ध का मतलब अपने सभी कुल देवताओं और पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना है। वैसे तो प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए पिंड दान या फिर श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है इस दौरान पिंडदान, तर्पण, कर्म और ब्राह्मण को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

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पितृ पक्ष में रोजाना करें ये उपाय-

गाय को भोजन कराएं

हिंदू धर्म में गाय को मां माना जाता है। पितृ पक्ष में रोजाना गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराना शुभ माना जाता है। गाय को भोजन करवाने से पितृ दोषों से भी मुक्ति मिल जाती है। ऐसा करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है।

इन बातों का रखें ध्यान-

पितृ पक्ष में सात्विक भोजन करें। इन दिनों में मांस- मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

पितृपक्ष में कर्मकांड करने वाले व्यक्ति को बाल और नाखून काटने की मनाही होती है इसके अलावा उसे दाढ़ी भी नहीं कटवानी चाहिए।

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