धर्म-अध्यात्म

कन्या पूजन करने से पहले करें ये काम, जानिए इसके नियम और महत्व

Rani Sahu
6 April 2022 6:42 PM GMT
कन्या पूजन करने से पहले करें ये काम, जानिए इसके नियम और महत्व
x
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हो या शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri), दोनों में ही कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हो या शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri), दोनों में ही कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है. कन्या पूजन (Kanya Pujan) के बिना नवरात्रि की पूजा सफल नहीं होती. भविष्यपुराण और देवीभागवत पुराण में कन्या पूजन का विशेष रूप से वर्णन करते हुए लिखा है कि नवरात्रि का पर्व कन्या भोज के बिना अधूरा है. कन्या पूजन में नौ कन्याओं को भोज कराया जाता है. ये सभी कन्याएं मां दुर्गा का अलग अलग रूप मानी जाती हैं. जो लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक का व्रत नहीं रखते, वे भी कन्या पूजन जरूर करते हैं. वहीं जिन लोगों ने कलश स्थापना की है, उनके लिए तो ये अत्यंत आवश्यक बताया गया है. लेकिन कन्या पूजन के ​भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. यहां जानिए नवरात्रि में कन्या पूजन के समय किन बातों को ध्यान रखना चाहिए.

जानें नवरात्रि में कन्या पूजन से जुड़े नियम
1. कन्या पूजन नवरात्रि के दिनों में कभी भी किया जा सकता है. लेकिन इसे नवरात्रि के अंतिम दो दिनों अष्टमी और नवमी तिथि में करना श्रेष्ठ माना गया है.
2. कन्या पूजन के दौरान 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. कन्याओं की संख्या नौ होनी चाहिए क्यों​कि इन्हें मां दुर्गा के नौ रूपों की संज्ञा दी जाती है. साथ में एक छोटे बालक को भी भोज कराना चाहिए. बालक को भैरव बाबा का रूप माना जाता है और लांगुर कहा जाता है.
3. कन्या भोज के लिए कन्याओं को पहले से आमंत्रित करें और ससम्मान घर बुलाएं. घर आने पर उन पर फूल बरसाकर उनका स्वागत करें. एक थाल में पानी या दूध लेकर उनके पैर धुलवाएं और स्वच्छ आसन पर उन्हें बैठाएं.
4. कन्याओं को भोजन परोसने से पहले मां दुर्गा का भोग लगाना चाहिए. कन्याओं को भोजन में खीर-पूड़ी, हलवा-चना का प्रसाद जरूर खिलाएं. इसके बाद उन्हें मस्तक पर तिलक लगाएं, हाथों में कलावा बांधें और दक्षिणा, वस्त्र आदि भेंट करें.
5. आखिर में सभी कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. खुशी खुशी कन्याओं की विदाई करें, इसके बाद अपना व्रत खोलें.
माता की मिलती कृपा
माना जाता है कि श्रद्धापूर्वक नवरात्रि व्रत संपन्न करने के बाद जो भक्त कन्याओं को भोज कराते हैं, माता उनसे अति प्रसन्न होती हैं और उनकी मनोकामना को जरूर पूरा करती हैं. ऐसे लोगों के परिवारों के सभी दुखों का नाश होता है.
Next Story