धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि में व्रत से पहले कर लें ये काम, पूरी होगी हर मनोकामना

Gulabi
7 Oct 2021 2:08 PM GMT
नवरात्रि में व्रत से पहले कर लें ये काम, पूरी होगी हर मनोकामना
x
आज से नवरात्रि का पावन त्योहार शुरू हो रहा है

आज से नवरात्रि (Navratri) का पावन त्योहार शुरू हो रहा है. नवरात्रि का व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से नवमी तिथि के नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है. नवरात्रि के नौ दिनों के व्रत का विशेष महत्व होता है. कई लोग बिना कुछ खाएं- पिएं नवरात्रि का व्रत रखते है. वहीं, कुछ लोग फलाहारी व्रत रखते हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की प्रत्येक दिन पूजा अर्चना होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार नवरात्रि का त्योहार 07 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं.


नवरात्रि में कई लोग घर में कलश की स्थापना करते हैं. इन नौ दिनों में भक्तों को कई तरह के नियमों का पालन करना होता है. आइए जानते हैं मां दुर्गा के आगमन से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.


1. नवरात्रि के व्रत में पूरी तरह से सात्विक भोजन करना चाहिए. खाने में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इसके अलावा किसी के लिए भी बुरा नहीं बोलना चाहिए.

2. मां दुर्गा के आगमन से पहले ही घर की साफ- सफाई कर लें. मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है वहां माता की कृपा नहीं होती हैं. इसलिए नवरात्रि में घर की साफ- सफाई करना बहुत जरूरी होता है. घर के पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसा करने से आपका घर पवित्र हो जाएगा.

3. नवरात्रि में रंगों का खास महत्व होता है. प्रत्येक दिन अलग रंग के कपड़े पहने जाते हैं. इसके अलावा घर में पहले से ही व्रत का सामान रख लें. इसके लिए कट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, मेवे, मखाना आदि मंगा लें.

4. घर के जिस हिस्से में माता की चौकी स्थापित करते हैं उसके आगे स्वास्तिक का निशान बना लें. इसके अलावा कलश स्थापान की पूजा सामग्री को भी एक जगह एकत्रित करके रख लें ताकि पूजा के समय किसी तरह की कोई परेशानी न हों.

5. नवरात्रि शुरू होने से पहले अपने घर से नॉन वेज चीजें हटा लें. अगले नौ दिनों तक इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

6. अगर आप बाल, दाढ़ी कटवाने की सोच रहे हैं तो नवरात्रि से पहले कटवा लें. नवरात्रि में ये सभी चीजें करना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा नाखून काटना भी वर्जित माना गया है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Next Story