धर्म-अध्यात्म

आज पूजन के समय सत्यनारायण की कथा के बाद करें ये कार्य, मिलेगी श्री हरि कृपा

Tulsi Rao
16 April 2022 6:25 PM GMT
आज पूजन के समय सत्यनारायण की कथा के बाद करें ये कार्य, मिलेगी श्री हरि कृपा
x
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा-अर्चना करने से, स्नान-दान आदि करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र माह से साल की शुरुआत होती है. उस हिसाब से हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह साल का पहला माह होता है. इस माह में आने वाले सभी त्योहारों का विशेष महत्व होता है. चैत्र माह की पूर्णिमा का भी विशेष महत्व है. पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का खास महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा-अर्चना करने से, स्नान-दान आदि करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है.

इस दिन विधि-विधान के साथ सत्यनारायण भगवान की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन शाम के समय भगवान की कथा की जाती है. इस दिन नदी या सरोवर में स्नान किया जाता है. अगर बाहर जाना संभव न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. बता दें कि इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा की जाती है. वहीं, ऐसी भी मान्यता है कि किसी मनोकामना पूर्ति पर भी सत्यनारायण भगवान की कथा की जाती है.
वहीं, हर मास की पूर्णिमा के दिन भी सत्यनारायण की पूजा होती है. अगर आप भी आज सत्यनारायण भगवान की पूजा कर रहे हैं, तो भगवान सत्यनारायण भगवान की आरती अवश्य करें. आइए जानते हैं सत्यनारायण भगवान की आरती के बारे में.
सत्यनारायण जी की आरती:
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा॥ जय लक्ष्मी... ॥
रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे।
नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे॥ जय लक्ष्मी... ॥
प्रकट भए कलिकारन, द्विज को दरस दियो।
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो॥ जय लक्ष्मी... ॥
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी।
चंद्रचूड़ इक राजा, तिनकी विपति हरी॥ जय लक्ष्मी... ॥
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्ही।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं॥ जय लक्ष्मी... ॥
भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्‌यो।
श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो॥ जय लक्ष्मी... ॥
ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीन्हो, दीन दयालु हरि॥ जय लक्ष्मी... ॥
चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा।
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा॥ जय लक्ष्मी... ॥
सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे।
ऋषि-सिद्ध सुख-संपत्ति सहज रूप पावे॥ जय लक्ष्मी... ॥


Next Story