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चैत्र अमावस्या पर करें ये खास उपाय , पितृदोष से मिलेगी मुक्ति
जातक की कुंडली में बना पितृदोष और कालसर्प दोष कई मुश्किलें ला सकता सकता है। कई बार बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं। ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाना बहुत ही जरूरी हैं। क्योंकि ज्योतिषों के अनुसार, कुंडली में पितृदोष होने के कारण संतान प्राप्ति में समस्या होती हैं। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस समस्या से छुटकारा पाया जा सके। ऐसे में चैत्र अमावस्या सबसे अच्छा दिन माना जाता है। अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। जानिए चैत्र अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने से मिलेगा कालसर्प और पितृ दोष से छुटकारा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करके पितृदोष के साथ-साथ कालसर्प दोष से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या पर कालसर्प दोष और पितृदोष से छुटकारा पाने के खास उपाय।
चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त और योग
चैत्र अमावस्या तिथि- 01 अप्रैल 2022
अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 31 मार्च को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू
अमावस्या तिथि का समापन- 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर समाप्त
ब्रह्म योग- सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद इंद्र योग शुरू हो रहा है
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से लेकर 2 अप्रैल सुबह 06 बजकर 10 तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12 बजकर 50 मिनट तक
अमृत सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 2 अप्रैल 06 बजकर 10 मिनट तक
पितृदोष और कालसर्प दोष के लिए करें ये उपाय
चैत्र अमावस्या के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर उनकी विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करें। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, फूल, माला, दूध, दही आदि करके भोग लगाएं और विधिवत आरती करें। इससे भगवान शिव की कृपा से कालसर्प दोष से छुटकारा मिलेगा।
कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए चैत्र अमावस्या के दिन चांदी के नाग और नागिन बनवाकर उसकी विधिवत तरीके से पूजा करें और फिर इन्हें बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
पितृदोष की मुक्ति के लिए चैत्र अमावस्या के दिन कंडे से धूनी लगाकर खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में अपने पितरों का आह्वान करें और आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए माफी मांगे।
अमावस्या के दिन से पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। जल में फूल, अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल डालकर चढ़ा सकते हैं। इसे पितृदोष से मुक्ति मिलेगी।
पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या से रोजाना सर्प सूक्त पाठ करें। इससे लाभ मिलेगा।