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कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी की मिट्टी से कर लें ये छोटा-सा काम, कोसों दूर चला जाएगा दुर्भाग्य
शास्त्रों में कार्तिक माह का विशेष महत्व है. इस माह में किया गया पूजा-पाठ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है. इस माह में तुलसी पूजा का भी खास महत्व है. कार्तिक माह की समापन कार्तिक पूर्णिमा का दिन होता है. इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपायों का जिक्र किया गया है. बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 के दिन पड़ रहा है. इस दिन सिखों में इसे गुरु नानक जयंती के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते, तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने की सलाह दी जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में धन, ऐश्वर्या, भाग्य की प्राप्ति के लिए कार्तिक पूर्णिमा पर कुछ उपायों के बारे में बताया गया है.
कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी भक्तों के घर में वास करती है. ऐसे में धन की देवी को प्रसन्न करने और उनके स्वागत के लिए मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और आम के पत्तों से तोरण बना कर मुख्य द्वार पर लटकाएं. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र में कुशा स्नान करना चाहिए. इससे व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दुर्भाग्य से छुटकारा मिल जाता है. बता दें कि कुशा स्नान के लिए एक कुशा हाथ में लेकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. इससे आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है.
इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं. इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. साथ ही, तुलसी के पौधे की जड़ से मिट्टी लेकर उसका तिलक लगाएं. ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का खास पूजन किया जाता है. इस दिन भगवान शिन को दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से बने पंचामृत आदि अर्पित किया जाता है. साथ ही, उन्हें बेलपत्र भी अर्पित करें. इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भक्तों पर जमकर कृपा बरसाते हैं.