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भगवान शिव का प्रिय महीना सावन (Sawan 2023) शुरू हो चुका है. सावन में शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है. भगवान शिव की पूजा में दूध, जल और बेलपत्र का बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भोले सिर्फ बेलपत्र चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. बेलपत्र के साथ कुछ अचूक उपाय करके आप जीवनभर भगवान भोले की कृपा पा सकते हैं.
भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है. बेलपत्र के बिना भगवान भोले की पूजा हमेशा अधूरी मानी जाती है. इसलिए पूजा के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र उन्हें शीतलता प्रदान करता है. जब भगवान शिव समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पीने के बाद विष की गर्मी से पीड़ित हो रहे थे, उस समय बेलपत्र से ही उन्हें शीतलता प्राप्त हुई थी. इसलिए भगवान शिव उन भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं जो उन्हें बेलपत्र चढ़ाते हैं.
मनोवांछित इक्छा होगी पूर्ण
बेलपत्र पर भगवान श्री राम का नाम लिखकर भगवान शिव को अर्पित करने से भक्तों पर शिव और विष्णु दोनों की कृपा बरसती है. इसके अलावा वैभव और ऐश्वर्य के साथ-साथ भक्तों की मनचाही मनोकामना भी पूरी होती है. इसलिए पूजा के दौरान 3, 11 या 108 बेलपत्रों पर राम का नाम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं.
जीवन की परेशानियां हो जाएंगी दूर
इसके अलावा बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लाल रोली से लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान भोले बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसके अलावा ऐसा करने से परिवार में खुशियां बनी रहती है और जीवन की सभी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.
बाबा भोलेनाथ को क्यों चढ़ाया जाता है बेलपत्र?
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में अगर बेलपत्र न चढ़ाया जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है. बेलपत्र की एक साथ जुड़ी हुई तीन पत्तियां पवित्र मानी जाती हैं. इन तीन पत्तों को त्रिदेव माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि तीन पत्तियां महादेव के त्रिशूल का प्रतिनिधित्व करती हैं. यह भी माना जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र की तीन जुड़ी हुई पत्तियां चढ़ाने से भगवान शिव को शांति मिलती है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
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