- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- बुधवार के दिन करें ये...
शास्त्रों में बुधवार का दिन गणेशजी का माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में बुध दोष हो है अथवा जो शारीरिक,आर्थिक या मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं वे लोग इन कष्टों के निवारण के लिए बुधवार के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं, जिनको करने से विघ्नहर्ता श्री गणेश जी प्रसन्न होंगे और आपकी कुंडली का बुध दोष या किसी भी कार्य में आ रही विघ्न-बाधा भी दूर हो जाएगी.
बुधवार को करें ये उपाय
बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले आपको ₹1 रूपए के 11 सिक्के लेने हैं और एक फिटकरी के टुकड़े को अपनी दाहिनी हाथ में रखें और सर से लेकर पैर तक घड़ी की दिशा में 11 बार घुमाएं और इसे किसी बहते पानी में प्रवाह कर दें अगर आपके घर के आसपास बहते पानी का स्रोत नहीं है तो आप इसे किसी कुएं में भी डाल सकते हैं पर ध्यान रहे पानी एकदम शुद्ध होना चाहिए अगर गंदे पानी में इसको डालेंगे तो यह टोटका असर नहीं करेगा.
धन आगमन के लिए
अगर दिन-रात कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको मनचाहा धन प्राप्त नहीं हो रहा है तो इस परिस्थिति से बचने के लिए बुधवार के दिन प्रातः स्नान करके शुद्ध हो जाए और अपने घर की रसोई से एक मुट्ठी चावल और एक मुट्ठी काली मूंग की दाल को लेकर अपने घर की छत या फिर अपने घर के आंगन में चिड़ियों के लिए डाल दें ऐसा लगातार 9 बुधवार तक करें आपके जीवन में धन के आगमन कि जो भी स्रोत रुके हुए थे वह सब खुल जाएंगे और धन का आगमन शुरू हो जाएगा.
गणेशजी के चढ़ाएं दूब
पौराणिक मान्यता के अनुसार बुद्धि के दाता गणेशजी को दूर्वा अत्यंत प्रिय है. यदि आप प्रत्येक बुधवार को 21 दूर्वा गणेश जी को चढ़ाएंगे तो आपके जीवन में कभी परेशानियां नहीं आएंगी और गणेश जी का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहेगा.
गणेशजी को चढ़ाएं मोदक
भगवान गणेश को मोदक यानि लड्डू अतिप्रिय हैं और इसलिए उनकी पूजा में मोदक का प्रसाद अवश्य रखा जाता है. यदि आप जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो बुधवार को भगवान गणेश की पूजा के दौरान उन्हें लड्डू का भोग जरूर लगाएं ऐसा करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
इन मंत्रों का करें जाप
श्री गणेश बीज मंत्र ॐ गं गणपतये नमः, गणेश जी के इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि विकसित होती है और ज्ञान की प्राप्ति होती है.शिक्षा में सफलता की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को बुधवार के दिन या नित्यप्रति भी इस मंत्र का जितना संभव हो सके जप अवश्य करना चाहिए.