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आज साल 2021 के जून महीने का तीसरा रविवार है। हिंदू सनातन धर्म में रविवार (Raviwar) का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज साल 2021 के जून महीने का तीसरा रविवार है। हिंदू सनातन धर्म में रविवार (Raviwar) का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है। जिस व्यक्ति सूर्य (Sun) मजबूत होता है उसे जीवन में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है और उसे धन, नाम और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। लेकिन सूर्य के कमजोर होने से व्यक्ति को जीवनभर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
अगर आपका भी काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो परेशान होने की कोई बात नहीं है। धर्मशास्त्रों के जानकारों के मुताबिक ऐसा सूर्य के कमजोर होने से होता है। ऐसे में आपको अपने सूर्य को मजबूत करने की जरूरत है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य (Arghya) देता है, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।
अगर आपके लिए हर रोज ऐसा करना संभव न हो तो रविवार (Sunday) की सुबह ये काम जरूर करें। क्योंकि रविवार (Sunday) को सूर्य देव का दिन माना जाता है। तांबे लोटे में चावल, लाल रंग के फूल और लाल मिर्च के कुछ दाने डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
सूर्य देव को जल अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें (Surya Dev Mantra)
ॐ सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
सूर्यदेव के व्रत के लाभ
मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्रत किया जाए और सच्चे मन से सूर्य देव अराधना की जाए तो व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों के मुताबिक लगातार 1 साल तक हर रविवार व्रत करने से हर तरह की शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। 30 या 12 रविवार तक इस व्रत को करने के भी विशेष लाभ हैं।
मान्यता के मुताबिक सूर्य का व्रत करने से काया निरोगी तो होती ही है, साथ ही अशुभ फल भी शुभ फल में बदल जाते है। अगर इस दिन व्रत कथा सुनी जाए तो इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है। इतना ही नहीं अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
रविवार को जरूर करें ये काम (Raviwar Ke Upay)
- सामर्थ्य के मुताबिक तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेंहू, गुड़ और लाल चंदन का दान करें।
- सूर्य देव को कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए जल में रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प डाल सकते हैं।
- सूर्य देव को अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें।
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