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धर्म-अध्यात्म
मासिक शिवरात्रि पर करें ये उपाय, मिलेगी कष्टों से मुक्ति
Apurva Srivastav
6 May 2021 7:22 AM GMT
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हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है. वैशाख के महीने का मासिक शिवरात्रि व्रत 9 मई को पड़ेगा. मान्यता है कि महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि को महादेव शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे. उस समय फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी थी. तब पहली बार उनके शिवलिंग स्वरूप की आराधना भगवान ब्रह्मा और विष्णु ने की थी.
तब से हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि और फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है. इस तरह सालभर में 11 मासिक शिवरात्रि और एक महाशिवरात्रि होती है. मान्यता है कि शिवरात्रि पर श्रद्धा और भक्ति के साथ भोलेनाथ का पूजन व व्रत करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त के कष्ट दूर करते हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन कुछ विशेष समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ उपाय भी कारगर साबित हो सकते हैं. जानिए मासिक शिवरात्रि से जुड़ी खास जानकारी.
शुभ मुहूर्त
वैशाख मास की शिवरात्रि 09 मई दिन रविवार को शाम 07 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और 10 मई दिन सोमवार को रात 09 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. मासिक शिवरात्रि पर दो शुभ योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं. मान्यता है कि इन दोनों योग में किए गए कार्य विशेष रूप से फलदायी होते हैं. इस बार शिवरात्रि पर रात 08 बजकर 43 मिनट तक प्रीति योग रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग आरंभ हो जाएगा.
इन उपायों से मिलेगी कष्टों से मुक्ति
1. घर में आमदनी का स्रोत बढ़ाने के लिए शिवरात्रि के दिन घर पर पारद शिवलिंग की स्थापना करें. इसकी नियमित रूप से पूजा करें.
2. शिवरात्रि के दिन 21 बेलपत्र पर चंदन से ओम नमः शिवाय या जय श्रीराम लिखें. इसके बाद महादेव को अर्पित कर दें. इससे भोलेनाथ मनोकामना को पूरा करते हैं.
3. नंदी महादेव के प्रिय गण हैं, उनकी पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं. शिवरात्रि के दिन बैल को नंदी का स्वरूप मानकर हरा चारा खिलाएं. इससे दरिद्रता दूर होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है.
4. अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति के लिए शिवलिंग को शिवरात्रि के दिन जल अर्पित करें. उस जल में जौ और काला तिल डालें.
5. रोगों से मुक्ति के लिए महादेव की पूजा के दौरान 101 बार महामत्युंजय मंत्र का जाप करें.
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