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धर्म-अध्यात्म
विनायक चतुर्थी पर जरूर करें गणेश जी की ये स्तुति, मनोकामना सभी होगी पूरी
Subhi
5 Dec 2021 10:39 AM GMT
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प्रथम पूज्य भगवान गणेश का पूजन सभी शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरूआत में करने का विधान है। गजानन भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता माना जाता है।
प्रथम पूज्य भगवान गणेश का पूजन सभी शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरूआत में करने का विधान है। गजानन भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश के पूजन से जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं। कार्य में सिद्धि की प्राप्ति होती है। प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश के व्रत और पूजन के लिए विशेष रूप से समर्पित है। इस माह की विनायक चतुर्थी 07 दिसंबर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। मंगलवार के दिन होने के कारण ये अंगारकी चतुर्थी का संयोग है।
इस दिन गणेश जी को गुड़ या लाल रंग की मिठाई चढ़ाने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की इस स्तुति का पाठ करने से सभी विघ्न और संकट दूर होंगे और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.....
गणेश स्तुति
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजंबूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः ।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः ।
धम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ।
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
मूषिकवाहन् मोदकहस्त चामरकर्ण विलम्बित सूत्र ।
वामनरूप महेश्वरपुत्र विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥
ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम् ।
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणाम् ब्रह्मणस्पत आ नः शृण्वन्नूतिभिःसीदसादनम्
ॐ महागणाधिपतये नमः ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥
अगजानन पद्मार्कं गजाननं अहर्निशम् ।
अनेकदंतं भक्तानां एकदन्तं उपास्महे ॥
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