धर्म-अध्यात्म

शुक्रवार के दिन करें ये अचूक उपाय

Tulsi Rao
27 Jan 2023 11:15 AM GMT
शुक्रवार के दिन करें ये अचूक उपाय
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shukrawar Upay : शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का दिन होता है. हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि इन दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शुक्रवार के दिन कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे आपके जीवन में धन की कमी हो रही होगी, तो वह दूर हो जाएगी और आपके सभी बिना किसी बाधा के पूरे होंगे.

शुक्रवार के दिन करें ये अचूक उपाय

1. करें मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप

ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:. इस मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से करना बेहद शुभ फलदायी होता है.

2.करें मां लक्ष्मी के महामंत्र का जाप

ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा. इस मंत्र का जाप शुक्रवार के दिन 108 बार करें और इस दिन तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए.

3.आर्थिक स्थिति को दूर करने के लिए करें इस मंत्र का जाप

मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है, अगर आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस मंत्र का जाप जरूर करें.

ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.

4.सुख-समृद्धि के लिए करें इस मंत्र का जाप

शुक्रवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और घर की खुशहाली बनी रहती है.

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

मां लक्ष्मी की करें आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

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