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धर्म-अध्यात्म
भक्ति-भाव से करें ये पाठ, भगवान कृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद
Tara Tandi
9 Jun 2023 7:44 AM GMT

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सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को उत्तम माना गया हैं। ऐसे में लोग रोजाना भगवान की पूजा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उन पर देवी देवताओं की हमेशा कृपा बनी रहती हैं लेकिन देवी देवताओं को प्रसन्न करने व आशीर्वाद पाने के लिए उनकी आरती, चालीसा, स्तोत्र आदि का भी पाठ करना उत्तम माना जाता हैं।
मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु प्रसन्न होकर अपनी कृपा करते हैं ऐसे में अगर आप भगवान कृष्ण का आशीष पाना चाहते हैं तो आप रोजाना नियम से श्री कृष्ण स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं माना जाता हैं कि इस चमत्कारी पाठ को भक्ति भाव से अगर किया जाए तो सभी प्रकार के दुखों का नाश हो जाता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री कृष्ण स्तोत्र।
श्री कृष्ण स्तोत्र—
श्री गणेशाय नमः ।
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् ।
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥ १॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं बल्लवीसुतम् ।
राधासेवितपादाब्जं राधावक्षःस्थलस्थितम् ॥ २॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् ।
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥ ३॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् ।
राधासहचरं शश्वद्राधाज्ञापरिपालकम् ॥ ४॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् ।
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥ ५॥
सेवन्ते सततं सन्तो ब्रह्मेशशेषसज्ञकाः ।
सेवन्ते निर्गुणं ब्रह्म भगवन्तं सनातनम् ॥ ६॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् ।
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥ ७॥
यं सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् ।
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥ ८॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् ।
वेदावेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥ ९॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ।
इत्येवमुक्त्वा गन्धर्वः पपात धरणीतले ॥ १०॥
नमाम दण्डवद् भूमौ देवदेवं परात्परम् ।
इति तेन कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः ॥ ११॥
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ।
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोके च निरामयः ॥ १२॥
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नाऽत्र संशयः ॥ १३॥
॥ इति नारदपञ्चरात्रे कृष्णस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Tara Tandi
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