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धर्म-अध्यात्म
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर करें ये पाठ, हर अनिष्ठ का निवारण
Tara Tandi
20 Jun 2023 7:39 AM GMT
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कल यानी 19 जून दिन सोमवार से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो चुका हैं और आज यानी 20 जून दिन मंगलवार को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन हैं जो कि देवी आराधना को समर्पित होता हैं। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की गुप्त तरीके से पूजा आराधना की जाती हैं।
माना जाता हैं कि इन नौ दिनों में अगर देवी मां की विधिवत पूजा और व्रत किया जाए तो माता रानी की अपार कृपा बरसती हैं लेकिन इसी के साथ ही अगर गुप्त नवरात्रि पर माता के प्रिय श्री शान्ता दुर्गा देवि प्रणति स्तोत्रम् का पाठ किया जाए तो हर अनिष्ठ का निवारण हो जाता हैं।
श्री शान्ता दुर्गा देवि प्रणति स्तोत्रम्
श्रीशान्तादुर्गा महामाये कैवल्यपुरवासिने ।
नमो भर्गेमहाकाली महिषासुरमर्दिने ॥ १॥
नमो गौरी जगन्माते रत्नमालाविभूषिते ।
नमो भवानि रुद्राणि विश्वरूपे सुकंधरे ॥ २॥
नमस्ते भगवान्माये जगद्रक्षणकारिणे ।
नमोऽस्तु पतितोद्धारे नानारूपधरे नमः ॥ ३॥
नमो दाक्षायणी देवी भक्तारिष्टनिवारके ।
नमस्ते गिरिजे हेमी शिवरूपे महेश्वरी ॥ ४॥
नमः कात्यायनी आर्ये अपर्णे सस्मितानने ।
नमः खड्गधरे माये दशाष्टकरधारिणे ॥ ५॥
षड्गुणैश्वर्यसम्पन्ने नमः सुन्दररूपिणे ।
नवयौवनसंयुक्ते शाम्भवी शङ्करप्रिये ॥ ६॥
गणनाथाम्बिके भर्गे कार्तविर्योद्भवे शिवे ।
कामारिइश-अर्धांगे भवरोगादिनाशिने ॥ ७॥
नमः कौमार्यसम्पन्ने नीलकण्ठप्रिये नमः ।
निशाचरकुलध्वंसे भक्तकल्पलते नमः ॥ ८॥
अर्कपुष्पप्रिये चण्डि ललितादेविरूपिणे ।
सहस्रशिरसे गौरी मोहिनी सुरपालके ॥ ९॥
अहिंसाप्रियसंशुद्धे हिंसाकर्मनिवारके ।
वेदरूपिणी शास्त्राङ्गे शाक्तपाखाण्डदण्डके ॥ १०॥
चद्रानने चारुगात्रे सिंहासनसुशोभिते ।
भद्रकाली विरूपाक्षे पातालपुरवासिने ॥ ११॥
नमो दिव्ये महादेवी वाग्वरदे विलासिनी ।
विश्वात्मके विश्ववन्द्ये नानाभरणभूषिते ॥ १२॥
जगदम्ब जगदम्ब गौडकुलप्रपालके ।
सारस्वतेऽस्मि त्वत्पुत्र नमामि पदपकञ्जे ॥ १३॥
क्षमस्व अपराधोऽस्मि हीनदीनोऽस्मि अम्बिके ।
महामूढ महापापी महदज्ञानि पामर ॥ १४॥
अतिक्रोधि सुदुष्टोऽस्मि महाचाण्डाळ पातकी ।
अघोररूपी कामोऽस्मि क्षमस्व जगदम्बिके ॥ १५॥
। श्रीशान्तादुर्गाचरणार्पणमस्तु ।
। इति श्रीशान्तादुर्गादेविप्रणतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
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